राज्य में सबसे ज्यादा 14% यादव, जानें बिहार की सभी 215 जातियों में किसकी-कितनी हिस्सेदारी
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राज्य में सबसे ज्यादा 14% यादव, जानें बिहार की सभी 215 जातियों में किसकी-कितनी हिस्सेदारी

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BIHAR: बिहार सरकार ने बहुप्रतीक्षित जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट सोमवार को जारी कर दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में सबसे ज्यादा पिछड़ा वर्ग की आबादी है। राज्य कुल 63 फीसदी आबादी इस वर्ग से आती है। इनमें 27 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग के लोगों की है जबकि 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियों की आबादी है। वहीं,  राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या सबसे कम 21,99,361 है। जो कुल आबादी का 1.68% है। 

आंकड़ों में कहा गया है कि यादव एकमात्र जाति है जिसकी आबादी राज्य में 10 फीसदी से भी ज्यादा है। आइये जानते हैं कि बिहार जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट क्या है? किस जाति की कितनी आबादी है? किन जातियों की संख्या सबसे ज्यादा है? सबसे कम किस जाति के लोग हैं? धर्मवार आंकड़े क्या कहते हैं? पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की आबादी कितनी है?

किस जाति की कितनी हिस्सेदारी?
जातिगत जनगणना के आंकड़े कहते हैं कि राज्य में कुल 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी है। जो 2011 की जनगणना के मुकाबले 25.5% से ज्यादा है। पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी राज्य की जनसंख्या का 63 फीसदी से भी ज्यादा है। इनमें 27 फीसदी से ज्यादा पिछड़ी जातियां तो 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियां भी शामिल हैं। अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फीसदी है। वहीं, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है। इसके साथ ही कुल आबादी में सामान्य वर्ग की हिस्सेदारी करीब 15.52 फीसदी है।

राज्य की 14.26 फीसदी आबादी सिर्फ यादव जाति की
प्रदेश में सिर्फ तीन जातियां ऐसी जिनकी आबादी पांच फीसदी से ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा आबादी वाली जाति यादव समुदाय की है। इस समाज की कुल आबादी  1,86,50,119 है। कुल जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी 14.26% है। रिपोर्ट में यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मी नारायण गोला को रखा गया है। 

इसके बाद दुसाध सबसे ज्यादा संख्या वाली जाति है जो दलित पासवान समुदाय से जुड़ी है। इनकी कुल आबादी 69,43,000  है। कुल जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी करीब 5.31% है। सरकार ने दुधास जाति में दुसाध, धारी, धरही का जिक्र किया है। 

पांच फीसदी से ज्यादा आबादी वाली जातियों में तीसरी जाति चर्मरकार जाति की है। राज्य में इस समुदाय के कुल  68,69,664 लोग रहते हैं। जो राज्य की कुल जनसंख्या का करीब 5.25 फीसदी है। सर्वे में इस समुदाया में चमार, मोची, चमार - रबिदास, चमार - रविदास, चमार - रोहिदास, चर्मरकार का जिक्र किया गया है। 


13 जातियां ऐसी जिनकी आबादी दो से पांच फीसदी        
सबसे ज्यादा आबादी वाली जातियों में चौथे नंबर पर कुशवाहा (कोईरी) जाति का है। इस समुदाय की कुल आबादी 55,06,113 है। हिस्सेदारी के लिहाज से इस समुदाय की कुल आबादी में 4.21 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं, 49,95,897 शेख आबादी है। जो जनसंख्या का 3.82% हैं। सबसे ज्यादा आबादी वाली जातियों में छठवें नंबर पर ब्राह्मण जाति आती है। इस समाज के कुल 47,81,280 लोग बिहार में रहते हैं। कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 3.65% हैं। मोमिन (मुस्लिम) जिनमें जुलाहा और अंसारी ही शामिल हैं समाज के 46,34,245 लोग बिहार में रहते हैं। कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 3.54%हैं।

राजपूत सबसे ज्यादा आबादी वाली आठवीं जाति है। इस समाज के 45,10,733 लोग बिहार में रहते हैं। कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 3.45% है। वहीं, मुसहर की आबादी 40,35,787 है। जो कुल आबादी का 3.08% है। दसवें नंबर पर कुर्मी जाति आती है। इसी समाज से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आते हैं। इस जाति की राज्य में कुल आबादी 37,62,969 है। बिहार की जनसंख्या में इनकी हिस्सेदारी 2.87% है।


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