गंगा ग्लोबल B. Ed. कॉलेज में 28 दिवसीय अवलोकन कार्यक्रम सम्पन्न
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गंगा ग्लोबल B. Ed. कॉलेज में 28 दिवसीय अवलोकन कार्यक्रम सम्पन्न

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गंगा ग्लोबल B. Ed. कॉलेज में सत्र 2024-26 के प्रशिक्षुओं ने शिक्षण अभ्यास के अनुभव शेयर किए



BINOD KARN 

BEGUSARAI : आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट आफ टीचर एजुकेशन के सत्र 2024-26 के प्रशिक्षुओं ने जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा निर्देशित व अनुमति प्राप्त सरकारी माध्यमिक एवं +2 इंटर विद्यालयों में शिक्षण एवं शैक्षिक गतिविधियों के 28 दिवसीय अवलोकन कार्यक्रम का समापन समारोह के साथ सफलता पूर्वक सम्पन्न किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि प्रथम वर्ष में प्रशिक्षुओं द्वारा चार सप्ताह का विद्यालय आब्जर्वेशन वास्तविक अनुभव प्राप्त करने प्रावधान है। इसके तहत निर्धारित विद्यालयों में जाकर शैक्षणिक गतिविधियां, विद्यालय प्रबंधन, शिक्षक-छात्र संवाद आदि का अवलोकन किया जाता है। दूसरे वर्ष में 16 सप्ताह का शिक्षण अभ्यास करना होता है ताकि वहां पदस्थापित शिक्षकों के सानिध्य में रहकर एक अच्छा अध्यापक बन सकें।

महाविद्यालय की ओर से DEO द्वारा निर्धारित विद्यालय (ज्ञान भारती +2 विद्यालय, जे.के.+2 विद्यालय, बी.एस.एस. कालेजियट+2 विद्यालय, बी.पी.+2 विद्यालय, श्रुति कन्या +2 विद्यालय बदलपुरा, सर्वोदय +2 विद्यालय शाहपुर तथा जीडीआर +2 विद्यालय बड़ी बलिया) में प्रशिक्षुओं ने शिक्षण अभ्यास किया। शिक्षण अभ्यास के दौरान सहायक प्राध्यापक प्रो. सुधाकर पांडेय, प्रो. परवेज यूसुफ, डॉ. अंजली, डॉ. कामायनी कुमारी, प्रो. विपिन कुमार, डॉ. अनीथा एस, डॉ. अविनाश कुमार, डॉ. राजवंत सिंह और प्रो. कुंदन कुमार ने उनका मार्गदर्शन किया।
अवलोकन कार्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए सभी विद्यालयों में एक-एक टीम लीडर बनाया गया था। प्रत्येक टीम में 12 से 15 प्रशिक्षु शामिल थे। टीम लीडर क्रमशः विशाल कुमार, निलेश कुमार, रुचि कुमारी, सौरभ कुमार, शिवम कुमार, अदिति कुमारी तथा प्रिया कुमारी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई।
प्रशिक्षु रुचि कुमारी ने बताया कि कार्यक्रम से हमें नेतृत्व क्षमता, समय प्रबंधन, वर्ग में बच्चे को कार्य में व्यस्त रखना आदि बातों को सीखने का मौका मिला। प्रशिक्षु निलेश कुमार ने कहा कि एक शिक्षक अपने को प्रभावी बनाकर विद्यार्थियों की समस्याओं को कम समय में समाधान कर सकता है। प्रशिक्षु विशाल कुमार ने बताया कि कक्षाओं का अवलोकन करने के बाद हमने पाया कि शिक्षक को अपने विषय की गहन समझ होनी चाहिए। प्रशिक्षु सौरभ कुमार ने बताया कि स्कूल के वातावरण में जाकर वहां की विभिन्न गतिविधियां, शिक्षण विधियां, शिक्षक- छात्र संवाद और स्कूल प्रशासन को नजदीक से देखने एवं समझने का अवसर मिला। प्रशिक्षु प्रिया कुमारी ने कहा कि विद्यालय आब्जर्वेशन के लिए जाना नई चीजों को देखना, नवीनता और खोज के लिए सुखद और रोमांचक अनुभव था।







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