नीतीश नहीं गिरिराज की चल रही सरकार, चारों ओर से घेरे हुए है RSS : दीपांकर भट्टाचार्य
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नीतीश नहीं गिरिराज की चल रही सरकार, चारों ओर से घेरे हुए है RSS : दीपांकर भट्टाचार्य

THN Network

ट्रंप द्वारा भारतीय को हथकड़ी लगाकर भेजने को उचित ठहराने में लगी है मोदी सरकार 
 

BINOD KARN 

BEGUSARAI : CPI (ML) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार नहीं बल्कि गिरिराज सिंह सरकार चला रहे हैं। क्योंकि नीतीश RSS से चारों ओर से घिर चुके हैं। यही कारण है कि गिरिराज सिंह के शैली में सरकार चल रही है। नीतीश तो सिर्फ गद्दी पर बैठे हुए हैं। माले नेता रविवार को स्थानीय पन्हांस गार्डन के सभागार में आयोजित नागरिक संवाद समिति की ओर से कम्युनिस्ट आंदोलन के 100 साल : उपलब्धि, सीख और चुनौतियां विषय पर नागरिक परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे।

 उन्होंने कहा कि यह संयोग है कि 1925 में कम्युनिस्ट पार्टी और RSS दोनों का गठन हुआ था। RSS लोकशाही को खत्म करने पर तुली है। बाबा साहेब के संविधान में उनकी आस्था नहीं है। वे मनु स्मृति को संविधान के रूप में मानकर चल रही है। हिन्दू राष्ट्र बनाना उसका सपना है। कुंभ मेला में हादसा नहीं होता तो RSS की राष्ट्र निर्मल समिति हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रस्ताव पारित करती। दूसरी ओर कम्युनिस्टों की विचारधारा देश को आगे बढ़ाने की है। वह संविधान के पहले पन्ने पर लिखे गए सामाजवादी, लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष संप्रभु गणराज्य में विश्वास रखती है।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर 1927 में मनु स्मृति को जला रहे थे। आज उसी मनु स्मृति को RSS देश पर थोपने का प्रयास कर रही। उन्होंने कहा कि आज न सिर्फ कम्युनिस्ट संकट के दौर से गुजर रहा है बल्कि देश और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है। देश के गृहमंत्री जब संसद के भीतर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर पर अशोभनीय टिप्पणी करने से बाज नहीं आते हैं तो इससे बुरे दिन और क्या हो सकते हैं।

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि देश में संवैधानिक संस्थाओं पर खतरा मंडरा रहा है। सुप्रीम कोर्ट इस पर संज्ञान लेगा या नहीं यह कहा नहीं जा सकता है। राम मंदिर के फैसले में बहुत कुछ लिखा गया, लेकिन निष्कर्ष में पलट दिया गया। कोर्ट ने सोचा होगा कि मंदिर-मस्जिद दोनों के बनने से समस्या का हल निकल जाएगा। लेकिन उसके बाद तो हर पौराणिक मस्जिद की खुदाई होने लगी। अब अगर मंदिर की खुदाई हो तो वहां बौद्ध स्तूप निकल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आज देश की अस्मिता से खिलवाड़ हो रहा है। PM नरेंद्र मोदी इधर कुंभ में गंगा में डुबकी लगाते हैं, उधर ट्रंप भारतीय नागरिक को हथकड़ी लगाकर यहां भेज देता है। विदेश मंत्री व प्रधानमंत्री अमेरिका के कानून का हवाला देकर चुप्पी साध लेते हैं। यही कारण है कि मोदी जी जब अमेरिका से लौटते हैं तो उनके साथ ही हथकड़ी लगे भारतीय को एक और विमान से भेज दिया जाता है। वहीं छोटा देश कंबोडिया अपने के नागरिकों के मान-सम्मान के लिए अमेरिका के फैसले का विरोध करता है और अपना विमान भेज देता है। उन्होंने कहा कि आज फांसीवाद से लड़ने की कड़ी चुनौती है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। दशरथ मांझी जब छेनी-हथौड़ा से पहाड़ तोड़ कर रास्ता बना सकते हैं तो हम सब भी मिलकर फांसीवाद का मुकाबला कर सकते हैं।

नागरिक परिचर्चा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बिहार हेराल्ड के संपादक विद्युत पाल ने कहा कि आज नैरेटिव बार चल रहा है। जिसे सेट करने में आरएसएस आगे और बांकी पीछे हो जाते हैं। भारतीय विश्व विद्यालय शिक्षक महासंघ के महासचिव प्रो. अरूण कुमार ने कहा कि आज सत्ता के सुर-ताल पर थिरकने का माहौल तैयार किया जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार अनीश अंकुर ने कहा कि आज विरासत को याद व बचाने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है।
पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल के सदस्य वामपंथी विचारक भगवान प्रसाद सिन्हा ने दुनिया से लेकर बेगूसराय तक के कम्युनिस्ट आंदोलन को खंगालते हुए विषय प्रवेश कराया। संतोष कुमार व वतन कुमार ने संचालन किया। अध्यक्ष मंडली में प्रो. लाल बहादुर सिंह व वरिष्ठ अधिवक्ता वशिष्ठ कुमार अम्बष्ठा भी शामिल थे।




















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