पारस अस्पताल दरभंगा के हार्ट सर्जरी विभाग में हेड बनाए गए डॉ. धीरज शांडिल्य
BINOD KARN
BEGUSARAI : मिथिलांचल की हृदयस्थली दरभंगा देश की आजादी के बाद से ही चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है लेकिन हार्ट सर्जरी के मामले में पीछे चल रहा था। लेकिन अब दरभंगा में भी हार्ट सर्जरी का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
दरभंगा में न सिर्फ मिथिलांचल बल्कि नेपाल के तराई इलाका धनुषा, सप्तरी व सिरहा जिला के लोग इलाज के लिए आते रहे हैं। इसके अलावा सहरसा व दरभंगा के बीच पुल बनने के बाद कोशी अंचल के लोग भी जटिल बीमारी के इलाज के लिए यहां आते हैं। ऐसे में वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज आर जी कर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, कोलकाता से डिग्री हासिल करने वाले डॉ. धीरज शांडिल्य ने बिहार के अति पिछड़े इलाके दरभंगा में हार्ट सर्जरी करने के लिए हामी भर दी है। यूं कहिए कि हार्ट सर्जरी को राजधानी पटना से बाहर लाकर डॉ. धीरज शांडिल्य ने मिथिलांचल, कोशी व नेपाल के तराई क्षेत्र को एक बड़ा तोहफा दिया है। डॉ. शांडिल्य सप्ताह में एक दिन दरभंगा में समय देंगे।
ध्यातव्य है कि हार्ट अटैक होने पर कई बार ऐसी स्थिति होती है कि तुरंत आपरेशन की जरूरत पड़ती है। जबतक मरीज को लेकर लोग पटना या दिल्ली जाते थे तब तक उनकी मौत हो जाती थी। अब डॉ. धीरज शांडिल्य के दरभंगा में समय देने से कई मरीजों की जान बचेगी। वैसे भी जिन मरीजों को हार्ट आपरेशन के लिए रेफर किया जाता था उन्हें अब पटना या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनका आपरेशन कम खर्च में यहां संभव हो सकेगा। खास बात यह है कि बेगूसराय में ऐलेक्सिया हास्पीटल के निदेशक डॉ धीरज शांडिल्य गरीबों का मसीहा कहा जाता है।
गौरतलब हो कि दरभंगा में मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल खुलने के बाद यह प्रमंडल मुख्यालय मेडिकल हब के रूप में विकसित हो गया। यहां का सौभाग्य भी रहा कि देश के चोटी के प्रसिद्ध चिकित्सकों ने इसे अपना कर्मभूमि बनाया और पिछड़े इलाके के लोगों को लाभ मिला। दरभंगा में आज दर्जनों हृदय रोग विशेषज्ञ (Heart Specialist) तो हैं लेकिन हार्ट सर्जन (Heart surgeon) नहीं है। पर दरभंगा या मिथिलांचल के पास एक भी हार्ट सर्जन नहीं था। इस कमी को पूरा किया है बेगूसराय के डॉ. धीरज शांडिल्य ने। डॉ. शांडिल्य पारस अस्पताल, दरभंगा हृदय रोग विभाग (Heart Department) में हेड (Head)
बनाए गए हैं।
मुख्य रूप से बेगूसराय के निवासी डॉ. धीरज शांडिल्य का अपना ऐलेक्सिया अस्पताल भी है जहां वे हृदय का आपरेशन (Heart surgery) कर चुके हैं। इतना ही नहीं डॉ. शांडिल्य ने बेगूसराय के ऐलेक्सिया अस्पताल में हार्ट, खून नली और लेजर की कई सर्जरी की है जो उत्तर बिहार में पहली बार हुई है।
बताते चलें कि बिहार में गिने चुने सिर्फ 10-15 हार्ट सर्जन ही हैं वो भी सभी पटना में। ऐसे में पटना और बेगूसराय के अलावा बिहार के बचे सभी जिलों में कोई भी हार्ट, खून के नस और फेफड़ा के सर्जन नहीं हैं। ऐसे में यह सर्जरी बेगूसराय के ऐलेक्सिया और दरभंगा के पारस में शुरू होने से बड़े पैमाने पर लोगों को लाभ मिलेगा