चिकित्सक ने कटे हाथ को 6 घंटे की सर्जरी कर जोड़ा, बेगूसराय में पहली बार ऐसी सर्जरी
BINOD KARN
BEGUSARAI: सिलीगुड़ी से पटना के बीच एकमात्र खून के नस और हार्ट सर्जन डॉक्टर धीरज शांडिल्य ने उत्तर बिहार चिकित्सा के क्षेत्र में एक और अध्याय जोड़ दिया। घटना गुरुवार के दोपहर की है जब पकठौल निवासी मनीष कुमार (22) जो मजदूरी का काम करता है टैंकलोरी की छत से नीचे गिर गया। जहां लोहा से टकराने की वजह से उसका बायां हाथ केहुनी के पास से कट गया और हड्डियां भी बाहर आ गई। बेतहाशा खून से लथपथ मरीज डॉक्टर अशोक कुमार हड्डी रोग के सही प्राथमिक उपचार के बाद उनके द्वारा मरीज को एलेक्सिया अस्पताल भेजा गया। क्यूंकि कटे हुए खून के नस की सर्जरी पूरे जिला में सिर्फ यहीं होती है। परिजन को इस आपरेशन में होने वाले खतरा को समझाने के बाद ही डॉक्टर धीरज शांडिल्य ने ऑपरेशन करने की स्वीकृति दी और लगभग 7 बजे शाम से लेकर रात के 1 बजे तक मरीज़ का ऑपरेशन चलता रहा और अंततः धीरज शांडिल्य ने हाथ को पुनः जिंदा करके मिशाल कायम कर दिया। आम तौर पर ऐसे मामलों में डाक्टर हाथ काट कर अलग कर देते हैं। लेकिन डॉ धीरज शांडिल्य ने ऐसे मरीज का बेगूसराय में आपरेशन कर मिसाल कायम कर दिया है। इस सफल आपरेशन की चर्चा चारों ओर हो रही है।
ऑपरेशन के बाद हाथ में खून का संचार शुरू हो गया। डॉक्टर शांडिल्य ने बताया कि ऐसे ऑपरेशन में 4 घंटे के अंदर नस जोड़ना गोल्डन पीरियड माना जाता है परन्तु यह मरीज देर से आया था इसीलिए सफल सर्जरी के बाद भी थोड़ा किस्मत चाहिए होता है। लोगों को जागरूक करते हुए उन्होंने अपील की कि खून के नस कटे हुए लोग बिना समय गंवाए पहुंचें फिर जीवन सुरक्षित रहने की संभावना बढ़ जाती है .
इस सफलता पर आईंएमए के कई चिकित्सक ने डॉक्टर शांडिल्य को बधाई दी। मरीज के बहन की शादी की तैयारी घर में चल रही है ऐसे में मरीज़ का बच जाना परिवार में खुशी की लहर ले कर आयी है।
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