केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने "क्या करेगा काजी" का किया उद्घाटन
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने "क्या करेगा काजी" का किया उद्घाटन


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संगीत नाटक अकादमी के सचिव राजू दास बेगूसराय में खोले प्रशिक्षण केंद्र : गिरीराज सिंह

BINOD KARN 

BEGUSARAI : संगीत नाटक अकादमी द्वारा सदर प्रखंड कार्यालय स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित 6 दिवसीय महोत्सव के तीसरे दिन गुरुवार को पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने "क्या करेगा काजी" नाटक का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री सिंह ने संगीत नाटक अकादमी का एक प्रशिक्षण केंद्र बेगूसराय में खोलने का अनुरोध ऑडिटोरियम में मौजूद अकादमी के सचिव राजू दास सहित अन्य पदाधिकारी किया। कहा आप पहल करें और उनकी जहां जरूरत पड़े अवश्य बताएं। प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने को लेकर वे भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। 
केंद्रीय मंत्री ने नाटक की विशेषताओं को दर्शाते हुए कहा कि यहां रिटेक नहीं होता है, यानी कट- कट कर फिल्म जैसा कोई अवसर नाटक में नहीं होता है। यही वजह है कि नाटक में कलाकार अपनी प्रतिभा के बल पर स्थापित होते हैं। उन्होंने बेगूसराय के रंग कर्मियों की मेहनत और प्रतिभाओं को भी रेखांकित किया। 
निर्देशक ने "क्या करेगा काजी" नाटक को हास्य प्रयास के बीच गंभीर संवाद के माध्यम से दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। रांची की नाट्य संस्था युवा रंगमंच के निर्देशक अजय मलकानी के निर्देशन में "क्या करेगा काजी" नाटक की प्रस्तुति की गई। यह नाटक मूल रूप से फ्रेंच कॉमेडी से लिया गया है, जिसे अनुवादित किया है जेएन कौशलन ने। यह नाटक एक रोशनी नाम की लड़की के त्रिकोणात्मक प्रेम कहानी पर केंद्रित है। रोशनी को लखनऊ के एक समारोह में नवाब से मिलने के बाद प्रेम हो जाता है। यह एक अनाथ लड़की होते हुए उच्च घराने से संबंध रखती है। रोशनी से एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति हाकीम बबन मियां शादी करना चाहता है। एक घंटा 35 मिनट के इस नाटक में इसी त्रिकोणात्मक प्रेम कहानी में हास्य परिहार से आगे बढ़ता है नाटक। कम उम्र की लड़की और अधिक उम्र के व्यक्ति द्वारा शादी करने की लालसा और उसकी प्रेम कहानी को निर्देशक ने काफी हास्य परिहार के बीच गंभीर संवादों के माध्यम से सामाजिक स्थिति एवं मनुष्य के मनोदशाओं को रेखांकित किया है। 16 पत्रों के माध्यम से गंभीर संवादों के साथ स्रोतों के सामने प्रस्तुत किया है। 

 
हास्य परिहास के बीच चुटीले संवाद ने दर्शकों को बांधे रखा 

नाटक में जब फकरू हजाम कहता है कि औरत की जवानी और मर्द का बुढ़ापा मर्द का बेड़ा गर्त कर देता है। इसके साथ ही नाटक में जब हजाम कहता है कि अगर लोगों को अपनी- अपनी गुत्थियों को सुलझाने का काम दे दिया जाए, तो दूसरों के काम में टांग अड़ाना छोड़ देंगे, वही कहता है सुकून के बिना इश्क और इश्क के बिना सुकून नहीं मिलता, हेरा-फेरी की गाड़ी नोटों की गाड़ी से ही आगे चलती है। औरतों को देखना है तो उसे तालों में बंद कर दो, जैसे गंभीर संवाद लोगों को कई संदेश भी देता है।                                         इस अवसर पर बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार, भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव वर्मा, आशीर्वाद रंग मंडल के अध्यक्ष ललन प्रसाद सिंह आदि मंच पर उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र में संगीत नाटक अकादमी के उप सचिव शैलेंद्र बदन ने उपस्थित दर्शकों को संबोधित किया है। स्थानीय संयोजक अमित रोशन, अकादमी के सचिव राजू दास ने केंद्रीय मंत्री सहित सभी अतिथियों को अंग-वस्त्र प्रदान कर स्वागत किया है। मौके पर सचिव ने कहा कि बेगूसराय में संगीत नाटक अकादमी का प्रशिक्षण केंद्र खुले इसके लिए उनके द्वारा ठोस पहल किया जाएगा। उद्घाटन समारोह का संचालन अभिजीत कुमार मुन्ना एवं मुक्त आकाश में आयोजित कार्यक्रम का संचालन दीपक कुमार ने किया है। कार्यक्रम को संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के नाटक अनुभाग निलेश कुमार, प्रलय खान,  पवन झा, प्रशासनिक गतिविधि अशोक कुमार, राहुल सोमवीर, कुलदीप एवं सुरेंद्र सिंह देख रहे हैं।

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