वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लेने से विश्लेषात्मक सोच का होता है विकास: डॉ सुधा झा
कोचिंग संस्थान की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता: अभिषेक राज
BINOD KARN
BEGUSARAI : गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज रमजानपुर बेगूसराय में बुधवार को वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वाद -विवाद का विषय था "क्या कोचिंग संस्थान को छात्र- छात्राओं के लिए बैन करना चाहिए या नहीं"
इस डिबेट के लिए स्टूडेंट्स को दो समूह में बांटा गया था। एमबीए (MBA) प्रथम सेमेस्टर के टीम ए से सुधांशु कुमार और टीम B से अभिषेक राज को विजेता घोषित किया गया। वाद -विवाद में दो दर्जन से अधिक छात्रों ने अपने विचारों को रखा। निर्धारित विषय को लेकर सबके अपने- अपने तर्क दिया। अंत में यह माना गया है कोचिंग संस्थान की महत्ता को नकारा नहीं जा सकता। क्योंकि मोटिवेशन व संबंधित विषय की जानकारी कोचिंग में मिलती है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो. अनुभा और प्रो. डी. नियाज़ ने अहम भूमिका निभाई। कॉलेज के प्रिंसीपल प्रो. डॉ. सुधा कुमारी झा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वाद-विवाद प्रतियोगिता विश्लेषात्मक सोच, समस्या का समाधान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण जैसी गुणों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। छात्राओं के तर्कपूर्ण विश्लेषण से किसी भी विषय में निर्णय लेने की क्षमता को निर्धारित करती है और उस निर्णय से पड़ने वाले प्रभाव को सामने रखती है। इसलिए महत्वपूर्ण है कि युवा वर्ग प्रतिमाह सुनियोजित तरीक़े से वाद- विवाद में प्रतिभागी बने। सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए आयोजन का समापन किया गया।
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