आपसी बातचीत में हो रही मातृभाषा की उपेक्षा चिंताजनक
गंगा ग्लोबल बीएड कालेज ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
BINOD KARN
BEGUSARAI : गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन बेगूसराय में गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। प्राध्यापकों एवं प्रशिक्षुओं ने अपनी-अपनी मातृभाषा यथा मैथिली, अंगिका, मगही में भाषण एवं लोकगीत गाकर समारोह को यादगार बना दिया।
प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि भाषा की महत्ता इतनी है पाकिस्तान का विभाजन हो गया और बंगलादेश राष्ट्र बन गया। लेकिन बिहार की बात करें तो अधिकांश लोग आपसी बातचीत या घर में मातृभाषा का प्रयोग बोलचाल में भी नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मातृभाषा की उपेक्षा चिंता जनक स्थिति में पहुंच गई है।
दक्षिण भारत में लोग मातृभाषा में बातचीत करना पसंद करते हैं। इतना ही नहीं बांग्लाभाषी व पंजाबी भाषा का प्रयोग लोग धड़ल्ले से करते हैं। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम तभी सफल होगा जब हम अपने मातृभाषा को व्यवहार में लाने का संकल्प लें।
सहायक प्राध्यापक प्रो. सुधाकर पांडेय, डॉ. कामायनी कुमारी तथा प्रो. अमर कुमार ने मैथिली लोकगीत का गायन कर खूब तालियां बटोरीं वहीं सहायक प्राध्यापक प्रो. परवेज़ यूसुफ़, प्रो. विपिन कुमार एवं डॉ. अनीथा एस ने मातृभाषा को अभिव्यक्ति का माध्यम के साथ इसकी विशेषता बताई। सरस्वती वंदना प्रशिक्षु कंचन कुमारी, चांदनी कुमारी, राखी कुमारी, प्रतिमा कुमारी, डॉली कुमारी, रौशनी कुमारी व चांदनी ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम प्रभारी डॉ. कामायनी कुमारी ने आरंभ में मातृभाषा के महत्व को बताया और कहा कि हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए।
मातृभाषा में भाषण दिया रितु भारती, अपराजिता कुमारी,
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