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इंटरनल सर्वे रिपोर्ट में नीतीश का वोट प्रतिशत हाफ और NDA की सीटें पहले से भी हुईं कम
VIKAS VERMA
PATNA : JD (U) यानी नीतीश कुमार को फिर से साथ लेकर क्या BJP फंस गई है? क्या नीतीश के साथ मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने पर BJP/NDA को बिहार में घाटा हो सकता है? जी हां, लोकसभा चुनाव 2024 में नीतीश कुमार की JD(U) के साथ आने से BJP+ यानी NDA की चुनावी संभावनाओं को झटका लगता हुआ दिख रहा है। नीतीश के साथ आने से NDA की चुनावी संभावनाओं पर क्या असर पड़ेगा- इसे लेकर कराए गए एक इंटरनल सर्वे की रिपोर्ट ने BJP हाईकमान को चिंता में डाल दिया है।
बिहार में लोकसभा की 40 सीटों को लेकर कराए गए ताजा आंतरिक सर्वे में पिछले महीने के सर्वे रिपोर्ट (जब नीतीश NDA में नहीं थे) की तुलना में NDA की सीटें कम हो गई हैं। इस आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट की मानें तो बिहार में NDA की सीटों की संख्या घटकर 25 हो गई हैं, जो महज महीने भर पहले तक 32 बताई जा रही थी। इस ताज़ा सर्वे में NDA की सीटों की संख्या में कमी का मुख्य कारण नीतीश कुमार यानी JD(U) के वोट प्रतिशत में भारी गिरावट का होना बताया जा रहा है। नीतीश का वोट प्रतिशत जो महीने भर पहले INDIA अलायंस के साथ करीब 16 फीसदी था, घटकर 7-8 फीसदी पर आ गया है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बिहार में नीतीश कुमार की राजनीतिक साख को पलटीमार पाॅलिटिक्स के चलते ऐसा बट्टा लगा है, जिसका नुकसान NDA को होता हुआ साफ दिख रहा है। आम जनमानस में नीतीश की विश्वसनीयता पिछले 25-30 वर्षों में सबसे निचले पायदान पर पहुंच गया है। इस आंतरिक सर्वे रिपोर्ट के बाद दिल्ली में बैठे BJP के सेंट्रल लीडरशिप को बिहार को लेकर नए सिरे से स्ट्रैटजी बनाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
BJP सेंट्रल लीडरशिप को पहले ये लग रहा था कि नीतीश कुमार को फिर से NDA में लाने से उसे बिहार में सभी 40 सीटों पर जीत हासिल होगी। लेकिन महीने भर के भीतर ही गेम पलट गया है। सर्वे रिपोर्ट में बिहार में NDA को पहले से भी कम सिर्फ 25 सीटों पर सिमटता हुआ बताया गया है। बताया जा रहा है कि पिछले महीने भर में नीतीश कुमार की पाॅलिटिकल क्रेडिबिलिटी जनता में काफी कम रह गई है। वजह बिना ठोस कारण INDIA अलायंस और खासकर बिहार में महागठबंधन सरकार से अलग होकर BJP के साथ सरकार बनाने के उनके फैसले से बिहार की जनता हैरान है।