दही-चूड़ा भोज के बहाने राजनीतिक जमीन की तलाश में हैं वरिष्ठ IPS विकास वैभव?
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दही-चूड़ा भोज के बहाने राजनीतिक जमीन की तलाश में हैं वरिष्ठ IPS विकास वैभव?

THN Network


मकर संक्रांति के मौके पर बेगूसराय के बीहट में विकास वैभव के पैतृक आवास पर नेताओं का जमघट, लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें 


BINOD KARN

BEGUSARAI : क्या वरिष्ठ IPS अधिकारी विकास वैभव आजकल अपने पैतृक बेगूसराय जिला में राजनीतिक जमीन की तलाश में हैं? मकर संक्रांति पर विकास वैभव के चुड़ा-दही भोज के बाद जिले के राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि वैभव खाकी वर्दी को बाय-बाय कर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।



दरअसल, IPS विकास वैभव पिछले कुछ महीनों से Let's Inspire Bihar अभियान के बहाने जिस तरह से शैक्षणिक, सामाजिक हलकों में सक्रिय हैं वह उनके राजनीति में एंट्री की तरफ इशारा कर रहे हैं। और उस इशारे को और बल उस समय तब और मिला जब मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर वैभव ने जिला के राजनीतिक प्रयोगशाला बीहट गांव स्थित अपने पैतृक आवास पर दही-चूड़ा व लिट्टी-चोखा का भोज दिया और भोज में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और बड़ी संख्या में लोगों का दिनभर जमघट लगा रहा। इस भोज में BJP, JDU, Congress, Left व अन्य दलों के प्रमुख नेताओं की भागीदारी रही। इनमें मुख्य रूप से मटिहानी से JD(U) MLA राजकुमार सिंह, बेगूसराय की महापौर पिंकी देवी, पूर्व महापौर संजय कुमार, Ex. MLA व वामपंथी नेता राजेंद्र सिंह, प्रसिद्ध व्यवसायी दिनेश टिबरीवाल, जिला परिषद अध्यक्ष सुरेंद्र पासवान, जिला परिषद उपाध्यक्ष नंदलाल राय, आर्यभट्ट के निदेशक प्रो अशोक कुमार सिंह अमर के अलावा कई जिला पार्षद, वार्ड पार्षद, कई मुखिया, शिक्षक व प्राध्यापक आदि प्रमुख रहे।




राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू

राजनीतिक रूप से उर्वरा भूमि बीहट में इस तरह नेताओं का जुटान हो और उस पर चर्चा न हो यह संभव हो ही नहीं सकता। जाहिर तौर पर IPS अधिकारी विकास वैभव के आवास पर आयोजित भोज में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं और समाज के विभिन्न वर्गों के जमघट से विकास वैभव के पालिटिक्स में एंट्री और उनके आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की राजनीतिक चर्चा जोर पकड़ने लगी है। चर्चा यह भी है कि वैभव की इन दिनों BJP से नजदीकी है और BJP उन्हें बिहार के किसी सीट से लोकसभा चुनाव में टिकट दे सकती है। 
गौरतलब हो कि बीते 10 दिसंबर को बेगूसराय के जीडी काॅलेज मैदान में विकास वैभव ने राज्य स्तरीय सम्मेलन किया था जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। उस समय भी यह बात उभर कर आयी थी कि विकास वैभव चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन मीडिया के सवालों पर वे बड़ी चतुराई से टाल गए थे। कहा था कि बिहार के गौरवशाली इतिहास को दुहराने का काम किया जा रहा है। परंतु राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि वे कुछ भी बोलें लेकिन अंदरखाने मामला चुनाव से जुड़ा है। यही कारण है मिलन समारोह में दही-चूड़ा के भोज में नेताओं और भीड़ के जुटान के बाद यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि विकास वैभव लोकसभा चुनाव की तैयारी में हैं।




बदले- बदले से नजर आ रहे थे वर्दी वाले कड़क अधिकारी विकास वैभव

आमतौर पर खाकी वर्दी वाले विकास वैभव आज सिविल ड्रेस में थे आमलोगों वाली पहचान के साथ लोगों से मिल रहे थे। बताने की कोशिश कर रहे थे कि अपने गांव व जिले में सिर्फ "विकास" हैं अधिकारी नहीं। इसमें वे सफल होते भी नजर आए। साफ है कि विकास वैभव का वर्दी ही नहीं बाॅडी लैंग्वेज भी बदला हुआ था। दरअसल यह संदेश देना इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि बीच - बीच में उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा जोर पकड़ लेती है। ऐसे में गांव - समाज को यह बताना भी जरूरी है कि वे वर्दी वाले जहां के हैं वहां के। यहां तो भाइचारा की बात है।
बहरहाल, Lets Inspire के जिला कॉर्डिनेटर प्रभाकर कुमार राय एवं ब्रजेश कुमार सहित संगठन के कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मकर संक्रांति पर आयोजित भोज कार्यक्रम में विभिन्न दलों के जुटे नेताओं के स्वागत में लगे रहे।

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