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BEGUSARAI: शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र बिंदु दिनकर कला भवन परिसर में सुरभि रूरल डेवलपमेंट एंड वेलफेयर सोसाइटी के द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से सर्वेश्वर दयाल सक्सेना रचित और बेगूसराय से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पहले स्नातक हरीश हरिऔध के निर्देशन में नाटक अंधेरे पर अंधेरा की प्रस्तुति गुरुवार की संध्या को हुई। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना एक कथाकार और उपन्यासकार के साथ ही बेहद संवेदनशील कवि के तौर पर जाने जाते हैं। उनकी रचनाओं में जनसरोकार की मानसिकता, सामाजिक शक्तियों को उजागर करने का अनवरत प्रयास, संतुलित संवेदना और भारतीय लोक परंपरा एवं संस्कृति से सीधे-सीधे जुड़ी हुई काव्य भाषा की विशेषता देखने को मिलती है।
अंधेरे पर अंधेरा उनका कथा संग्रह है जिसकी काफी चर्चा हुई है। मूलतः मानव जीवन के मनोभावों को अपनी शानदार लेखनी के माध्यम से सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने जीवंतता के साथ चित्रित करने का प्रयास किया है।
प्रस्तुत नाटक में दो पात्र जो अपने जीवन से उबकर आत्महत्या के ख्याल से नदी के किनारे संयोग से मिलते हैं और आपसी संवाद के जरिए अपने मनोभावों को एक दूसरे के साथ साझा करते हैं । हालांकि जीने की चाह उनमें तब भी बनी हुई है और अंततः वे दोनों एक दूसरे के पूरक बनाकर वहां से वापस लौटते हैं। इसी उधेड़बुन और मानव जीवन की सच्चाइयों से अवगत करवाती यह प्रस्तुति जिसमें मंच पर हरीश हरिऔध और ईशा ने अपने उत्कृष्ट अभिनय से इस पूरे घटनाक्रम को जीवंतता प्रदान की। शानदार सेट डिजाइन और गुंजन सिन्हा की प्रकाश परिकल्पना के साथ कुंदन सिन्हा का संगीत संयोजन लाजवाब रहा। सौरभ कुमार के संगीत संचालन ने पूरे नाट्य प्रस्तुति को लयबद्धता प्रदान की और लोगों को कुल मिलाकर एक उत्कृष्ट नाट्य प्रस्तुति देखने का अवसर मिला। मंचन के पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन जाने माने शिक्षाविद और इतिहासकार भगवान प्रसाद सिन्हा, समाजसेवी रजनीकांत पाठक, आर्यभट्ट के निदेशक अशोक कुमार सिंह अमर, समाजसेवी विश्व रंजन कुमार सिंह राजू, दिलीप कुमार सिन्हा, जदयू के पूर्व जिला अध्यक्ष भूमिपाल राय और वरिष्ठ रंग निर्देशक अवधेश सिन्हा ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
संस्था की ओर से संस्था सचिव अजय कुमार भारती ने आगत अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। अपने वक्तव्य में अतिथियों ने लगातार संस्था के द्वारा की जा रही नाट्य गतिविधियों की चर्चा करते हुए संस्था के उत्तरोत्तर विकास की कामना करते हुए अपनी अपनी शुभकामनाएं संस्था को प्रेषित की। मंचन के उपरांत नाटक के अभिनेता और निर्देशक हरीश हरिऔध और अभिनेत्री ईशा को भगवान प्रसाद सिन्हा और अशोक कुमार अमर के द्वारा अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का मंच संचालन युवा रंगकर्मी दीपक कुमार ने किया।