नौंवे आशीर्वाद राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव 2023 को दर्शकों ने दिया आशीष, भरी रही दर्शक दीर्घा
Ad Place!

नौंवे आशीर्वाद राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव 2023 को दर्शकों ने दिया आशीष, भरी रही दर्शक दीर्घा




THN Network

रंगकर्मी 'रामविनय'रंग सम्मान 2023' से नवाजे गए चर्चित नाट्य निर्देशक भानु भारती

BINOD KARN

BEGUSARAI : आशीर्वाद रंगमंडल बेगूसराय द्वारा आयोजित नौंवे आशीर्वाद राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का सफल समापन अगरवती नाटक की बेहतरीन प्रदर्शन के साथ हुआ। समापन समारोह के अवसर पर देश के चर्चित नाट्य निर्देशक भानु भारती, संस्कार भारती बिहार के क्षेत्र प्रमुख संजय कुमार चौधरी, बेगूसराय नगर निगम के महापौर श्रीमती पिंकी देवी, उप महापौर श्रीमती अनिता राय, पूर्व महापौर संजय कुमार, माध्यमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष सुरेश राय, रंगमंडल के अध्यक्ष ललन प्रसाद सिंह एवं सचिव अमित रौशन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर देश के चर्चित नाट्य निर्देशक भानु भारती को रंगमंडल की तरफ से महापौर श्रीमती पिंकी देवी और उप महापौर श्रीमती अनिता राय ने रंगकर्मी रामविनय रंग सम्मान 2023 से नवाजा गया। रंग सम्मान के रूप में प्रतिक चिन्ह, चादर और 25 हजार रुपये सप्रेम भेंट किया जाता है। मौके पर महापौर श्रीमती पिंकी देवी ने कहा कि ये समापन नहीं आगे आने वाले महोत्सव का आगाज है। उन्होंने रंगमंडल के सभी कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि कलाकारों का जीवन काफी संघर्ष भरा हुआ होता है। उप महापौर श्रीमती अनिता राय ने कहा कि आप हम सबको नाटक दिखाते हैं, जो समाज की समस्याओं से हम सबको अवगत कराते हैं। कलाकारो को समाज का सहयोग मिलना चाहिए।
 सुरेश राय ने दिनकर की धरती पर  दोनों अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि आपके आने से हम गौरवान्वित हैं। संस्कार भारती के क्षेत्र प्रमुख संजय कुमार चौधरी ने कहा कि कला के बिना जीवन अधूरा है, कला संस्कृति और साहित्य से ही समाज विकास करता है। बेगूसराय के रंग दर्शकों की प्रशंसा की। 
रंगकर्मी रामविनय रंग सम्मान से सम्मानित भानु भारती ने दिनकर की धरती को सलाम करते हुए कहा कि उनके जीवन में दिनकर रूपी सूर्य की रोशनी मिला है, जिन्होंने उनके जीवन को गढ़ा है। हिंदी साहित्य में दिनकर से बड़ा कोई ओजस्वी कवि नहीं हुआ है। इसके बाद समागम रंगमंडल, जबलपुर की प्रस्तुति आशीष पाठक लिखित और स्वाति दुबे द्वारा निर्देशित नाटक अगरवत्ती का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। दिनकर कला भवन बेगूसराय दर्शकों से भरा हुआ था, काफी दर्शक खड़े होकर नाटक देखा। दर्शकों का भरपूर प्यार मिला नाटक को। नाटक अगरवत्ती में फूलन देवी और बेहमई हत्याकांड जो 1981 में हुआ था, उसपर आधारित है, ये हत्याकांड दुनिया के सामने एक सवाल के रूप में आया था,जिसमे जातिवाद, सामंतवाद, पितृसत्ता का फावड़ा फूट गया था।फूलन आत्मसमर्पण की और जेल गई,राजनीति ने इस घटना और जटिया समीकरण को आपने पक्ष में साधना शुरू किया, तीव्र भावुकता भारतीय राजनीति का एक उपकरण है जो सत्ता के शीर्ष पर पल में पहुंचा सकता है, उसी को साधने का दोबारा प्रयास अगरवत्ती है। सवाल अनुतरित इसलिए है कि संसद रहते हुए दिल्ली में फूलन देवी की हत्या , जातीय उन्माद फैला कर सत्ता प्राप्त करने की कोशिश थी। बेहमई के ठाकुरों की हत्याकांड के बाद उनकी विधवाओं के लिए सरकार ने अगरवत्ती बनाने की कारखाना खोली, ताकि विधवाओं के पुनर्वास का अवसर मिले। लालाराम ठकुराइन अपने पति के लिए न्याय की मांग करती है, फूलन से मुकाबला करती है,और समुदाय को संगठित करती है, मासूम लोगो की हत्या पर सवाल उठाती है, लेकिन ठकुराइन को अहसास होता है कि अपराध का किसी भी प्रकार से सहारा लेना भी अपराध है, आठ महिलाओं के साथ अपने पति की राख को अगरवत्ती बनाने के सामग्री में मिला दिया, प्राकृतिक न्याय की तरह बेहमई की राख अगरवत्तियों में मिल गई, बची रह गई सिर्फ नौ महिलाएं, जाति वर्ग और लिंग से मुक्त, बची रह गई जलती हुई महिलाएं और अगरवत्ती ....
ठकुराइन की भूमिका स्वाति दुबे, सुमन की भूमिका मानसी रावत, पार्वती की भूमिका साक्षी गुप्ता,कौशल्या की भूमिका ज्योत्सना कटारिया,लज्जो की भूमिका शिवांजलि, दमयंती की भूमिका हर्षिता गुप्ता, कल्ली की भूमिका शिवकर सपरे और अन्य पात्रों ने बेहतरीन अभिनय किया।इसका प्रकाश संचालन श्री आशीष पाठक,वाइस ओवर गोविंद नामदेव और साउंड अनमोल किरार ने किया। प्रदर्शन के बाद निर्देशक को भानु भारती ने प्रतिक से सम्मानित किया। समापन समारोह के अवसर पर बेगूसराय के समाचारपत्र के प्रमुख को चादर एवं प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया। इस सफल नाट्य महोत्सव में मीडिया के सभी साथियों, बरौनी रिफाइनरी, जिला प्रशासन और सभी रंग संस्थाओं, कलाकारो का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहयोग मिला।


Post a Comment

Previous Post Next Post
Your Advertisement can come here!