बिहार में बनी CSR नीति, जुलाई के अंत तक लांच होगा पोर्टल
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बिहार में बनी CSR नीति, जुलाई के अंत तक लांच होगा पोर्टल

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MLC सर्वेश कुमार ने CSR का उठाया था मुद्दा, पिछले 5 वर्षों में CSR Fund के तहत बिहार को मिले 737 करोड़ रुपये 



BINOD KARN  

BEGUSARAI : बिहार सरकार ने राज्य में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड के बेहतर उपयोग और प्रबंधन के लिए एक नीति बनाने का फैसला किया है। इसके तहत बिहार राज्य सीएसआर नीति 2025 लागू की जाएगी। जुलाई के अंत तक पोर्टल भी लांच हो जाएगा। 
दरभंगा स्नातक क्षेत्र के MLC सर्वेश कुमार ने बताया कि सीएसआर फंड को लेकर उन्होंने बजट सत्र (2025) के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया था। उन्होंने सदन को बताया था कि केंद्र सरकार के कारपोरेट मंत्रालय की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड कंपनियां बिहार में भी अपना कारोबार कर रही हैं, लेकिन CSR Fund देने के मामले में बहुत बड़ा गैप है। इन कंपनियों ने वर्ष 2018 से 2023 तक देश भर में सीएसआर फंड के तहत 1 लाख 26 हजार 345 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन बिहार को केवल 737 करोड़ रुपये मिले। आबादी के अनुसार, बिहार को कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा मिलना चाहिए था। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने CSR को लेकर नीति बनाई। इस नीति और पोर्टल के जरिए अब यह कमी दूर हो जाएगी। इससे बिहार के विकास को नई गति मिलेगी और राज्य की सामाजिक-आर्थिक तस्वीर बदलने में मदद मिलेगी।

MLC सर्वेश कुमार ने क्यों उठाया था यह मुद्दा

सर्वेश कुमार ने कहा था कि बिहार का एसजीडीपी प्रति वर्ष 8 लाख 54 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। देश की सभी बड़ी कंपनियां जो CSR के दायरे में आती हैं, वे बिहार में भी व्यापार कर रही हैं। हमारे प्रदेश में कारोबार होने से उनका मुनाफा बढ़ रहा है, लेकिन जब सीएसआर फंड बिहार में व्यय करने की बात आती है तो यह कुल सीएसआर फंड का 1 प्रतिशत से भी कम है। इस कारण हम विकास की राह पर बढ़ने के मामले पीछे हैं। वर्ष 2022-23 में देश में कुल सीएसआर फंड 29986.92 करोड़ रुपये था जबकि बिहार को इस मद में केवल 235.37 करोड़ रुपये ही मिले। अगर कंपनियों से CSR फंड के तहत हमें उचित हिस्सा मिलने लगेगा तो ग्रामीण सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों में भी विकास को नई गति मिलेगी।

CSR सोसाइटी का भी गठन

MLC सर्वेश कुमार के ध्यानाकर्षण सूचना का उत्तर देते हुए बताया गया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 19 नवंबर 2024 को CSR समिति का गठन किया गया और समिति की पहली बैठक 11 मार्च 2025 को की गई। बैठक में बिहार राज्य CSR सोसाइटी के गठन, पोर्टल और CSR पॉलिसी की रूपरेखा पर विचार विमर्श किया गया। 

8 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में मिली स्वीकृति

सर्वेश कुमार ने बताया कि 8 जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य में CSR फंड के सतत अनुश्रवण एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए CSR Policy 2025 एवं CSR सोसाइटी के गठन को स्वीकृति दी गई।

पोर्टल बनाने का फायदा

CSR पोर्टल पर कंपनियां रजिस्ट्रेशन कर सकेंगी और निवेश से जुड़ी सभी जानकारी एक जगह मिलेगी। पोर्टल निवेशकों को भटकने से बचाएगा और उन्हें सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश की पूरी जानकारी देगा।

बिहार में कंपनियों के खर्च किए
2018-19 में 137 करोड़ रुपये 
2019-20 में 110 करोड़ रुपये 
2020-21 में 90 करोड़ रुपये 
2021-22 में 165 करोड़ रुपये 
2022-23 में 235 करोड़ रुपये 

भारत में कंपनियों के कुल सीएसआर फंड
2018-19 में 20217.65 करोड़ रुपये 
2019-20 में 24965.82 करोड़ रुपये 
2020-21 में 26210.95 करोड़ रुपये 
2021-22 में 24965.82 करोड़ रुपये 
2022-23 में 29986.92 करोड़ रुपये 

कंपनियों तक प्रपोजल भेजना चाहिए

एमएलसी सर्वेश कुमार ने कहा कि इस नीति के तहत पूरे भारत वर्ष में लगभग 30,000 करोड़ रुपये कंपनियों की ओर से खर्च किए जाएंगे। इनमें सरकारी और प्राइवेट दोनों कंपनियां शामिल हैं। बिहार को 2500 से 3000 करोड़ रुपये CSR के तहत दिए जाने चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि बिहार से CSR में खर्च के लिए राशि का प्रपोजल कंपनियों तक भेजना चाहिए।

वर्ष 2022-23 में सर्वाधिक खर्च किशनगंज में

वर्ष 2022-23 में बिहार के किशनगंज जिले में सर्वाधिक 38.36 करोड़ रुपये सीएसआर फंड के तहत खर्च किए गए। इस मामले में पटना दूसरे स्थान पर रहा। उसे 26.54 करोड़ रुपये मिले। बेगूसराय जिले में सीएसआर फंड के तहत 18.11 करोड़ रुपए खर्च हुए। इस मामले में बेगूसराय राज्य में तीसरे स्थान पर रहा। शिवहर ऐसा जिला रहा जहां इस फंड के तहत एक भी रुपए खर्च नहीं किए गए।






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