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BINOD KARN
BEGUSARAI: जीविका से संबद्ध प्रगतिशील कृषक एवं गंगा कृषि पशुपालक किसानों की संयुक्त बैठक दिनकर कला भवन में 30 अक्टूबर को बुलाई गई है। जीविका ने इस बैठक में बैंकर्स को भी बुलाया है ताकि किसानों को जरूरत पड़ने पर आर्थिक सहायता भी की जा सके। गौरतलब हो कि केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री सह श्रेत्रीय सांसद गिरिराज सिंह व दरभंगा स्नातक क्षेत्र से एमएलसी सर्वेश कुमार कृषकों के उत्थान के नए-नए प्रयोग को अपनाने में खासे रूचि रखते हैं। केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह के व्यक्तिगत रूप से पहल करने के बाद सदर प्रखंड बेगूसराय के खम्हार, वनव्दार व मोहनपुर के किसानों ने हरित खाद बनाए और सब्जियों के खेती में इस्तेमाल किया। लगभग सौ एकड़ भूमि में हरित खाद से खेती की जा रही है। जिससे उनकी फसल के उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। यह काम तीन वर्ष पहले उन्होंने शुरू कराया था। अब यह धरातल पर दिखने लगा है। उनका प्रयास है कि उनके संसदीय क्षेत्र यानी पूरा बेगूसराय जिला हरित खाद का उपयोग कर लाभ उठाएं।
गिरीराज सिंह के पहल हरित खाद अभियान जीविका में शामिल
इसके बाद केंद्रीय मंत्री श्री सिंह ने व्यक्तिगत अभिरुचि लेकर इसे जीविका से जोड़ने की पहल की। जीविका ने भी प्रगतिशील किसानों को हरित खाद अभियान से जोड़ा है। केंद्रीय मंत्री इस अभियान को सफल बनाने के लिए कवायद करने में लगे रहते हैं। उनका मानना है कि हरित खाद को अपना कर किसान अपनी आय को दुगुनी कर सकते हैं। इस अभियान से जीविका को जोड़ने से किसानों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस खाद को तैयार करने में किसानों को आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़े इसको लेकर अब बैंकों को भी जोड़ा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री हरित खाद अभियान में हर बाधा को दूर करने में लगे हुए हैं।
पहले इस्तेमाल करो फिर विश्वास करो के फार्मूला पर चलते हैं सर्वेश कुमार
केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह के पहल पर गंगा डेयरी से जुड़े व दरभंगा स्नातक क्षेत्र से एमएलसी सर्वेश कुमार स्वयं 6 टन हरित खाद बना कर खेतों में इस्तेमाल कर चुके हैं। इसे लाभकारी देखते हुए ही उन्होंने गंगा कृषि पशुपालक किसान संगठन बना कर किसानों को हरित खाद अभियान से जोड़ने का मुहिम चलाया है। सर्वेश कुमार ने बताया कि उनका लक्ष्य एक हजार किसानों को हरित खाद अभियान से जोड़ने का है। उन्होंने बताया कि हरित खाद के उपयोग के मामले में बेगूसराय शीघ्र ही देश का नम्बर वन जिला होगा। एमएलसी सर्वेश कुमार ने बताया कि बेगूसराय जिले में लगभग डेढ़ लाख टन रासायनिक खाद का उपयोग होता है। जबकि यहां पर्याप्त मात्रा में थर्मल का फ्लाईऐस उपलब्ध है। गोबर उपलब्ध है। सिर्फ 10 प्रतिशत रासायनिक खाद को मिलाकर सौ फीसद फायदा उठाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिले में
50 हजार टन रासायनिक खाद के उपयोग को तीन वर्षों में घटाने का लक्ष्य है।
कैसे तैयार होता है हरित खाद
सौ किलो गोबर, सौ किलो फ्लाईऐश और 10-10 किलो डीएपी और पोटाश डाल कर एक ढेर बनाया जाता है। उसे गोबर के लेप से ढक दिया जाता है। लेप में 20-25 जगह छेद कर बैक्टीरिया का कल्चर डाला जाता है। इसके अगले 14-15 दिनों में खाद तैयार हो जाता है। बताते चलें कि केंद्रीय मंत्री श्री सिंह के अनुरोध पर बरौनी थर्मल पॉवर स्टेशन से 10 हजार टन फ्लाईऐस उपलब्ध कराने पर सहमति दी है।
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