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Aurangabad: बिहार में भाजपा और जदयू-राजद नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी तेज है। इसी क्रम में रविवार को एक ओर जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। वहीं, दूसरी ओर राजद ने भी सम्राट चौधरी पर कटाक्ष किया।
भाजपा नेताओं ने रविवार को प्रदेश कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम को सुना। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को टोला संयोजक बनाने की तैयारी चल रही है।
4-5 गांव के संयोजक बनने वाले हैं नीतीश : सम्राट
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 4-5 गांव के संयोजक बनने वाले हैं। यह हमको पता चला है। उन्होंने लालू यादव के जाति आधारित गणना को लेकर दिए गए उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार जानबूझकर इसे रोकना चाहती है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि मंडल कमीशन में लालू प्रसाद यादव का कोई योगदान नहीं है। बीजेपी के सपोर्ट से मंडल कमीशन आया था।
जाति आधारित गणना को लेकर सम्राट चौधरी ने कहा कि किसने रोका है? भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि आप 24 घंटे के भीतर डाटा सार्वजनिक करें।
लालू यादव तो कुछ हैं नहीं, वह मुखिया भी नहीं बन सकते, लेकिन नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। 24 घंटे में आप डाटा सार्वजनिक करें। यह लोग हम लोगों को जातियों में बांटना चाहते हैं।
इसके बावजूद हम कह रहे हैं कि आप सर्वेक्षण की जो रिपोर्ट है उसको जारी करें। सम्राट चौधरी ने लालू यादव और नीतीश कुमार को अति पिछड़ा और दलित विरोधी भी बताया।
लालू की कृपा से सम्राट चौधरी बने थे मंत्री : राजद
उधर, औरंगाबाद में राजद जिलाध्यक्ष अमरेंद्र कुशवाहा, ई. सुबोध कुमार सिंह एवं जिला प्रवक्ता डा. रमेश यादव ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की कृपा से मंत्री बने थे।
बयान में उन्होंने कहा कि सम्राट की राजनीतिक पाठशाला राजद रही है। उनके प्रथम शिक्षक पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रहे हैं।
उन्होंने राजनीति का ककहरा सिखाया है। वे औरंगाबाद के दौरे पर आए परंतु आमजन में उनके कार्यक्रम को लेकर उत्साह नहीं देखा गया।
सभी ने कहा कि दल बदलते रहना उनकी आदत है। भाजपा में कब तक रहेंगे कहा नहीं जा सकता। उनका न कोई एक पार्टी रही है न विचारधारा। राजनीतिक लाभ के लिए किसी के साथ जा सकते हैं।
देश की जनता गरीबी, भुखमरी और महंगाई से त्रस्त है। बेरोजगारी दूर नहीं हो रही है। प्रत्येक वर्ष दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा करने वाले पीएम रोजगार देना भूल गए। राजद नेताओं ने कहा कि वे लोकसभा तो दूर विधानसभा चुनाव जीतकर दिखाएं तब जनसमर्थन का पता चलेगा।
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