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BIHAR: उत्तर प्रदेश की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य (Jyoti Maurya) और उनके पति के बीच का मसला इंटरनेट पर खूब सनसनी पैदा कर रहा है। इस मसले के बाद खबरें आना शुरू हुईं कि कई पतियों ने अपनी पत्नियों को आगे पढ़ाने और नौकरी के लिए प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने से इनकार कर दिया है।इस घटना का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। पत्नियों को उच्च शिक्षा दिला रहे पति अब उन्हें आगे पढ़ाकर आत्मनिर्भर बनाने में हिचकिचा रहे हैं। बक्सर जिले में लोग जिस दंपती के प्रेम और सामंजस्य का उदाहरण देते है, वो पति-पत्नी ज्योति मौर्य की घटना के बाद थाने पहुंच गए। पति-पत्नी के बीच एक-दूसरे के प्रति इतना समर्पण है कि ताजा घटना लोगों को पच नहीं रही है।
मुरार थाना अंतर्गत चौगाईं गांव के पिंटू सिंह और उनकी पत्नी खुशबू कुमारी के बीच विवाद इतना बढ़ा कि सोमवार को यह दंपती थाने पहुंच गया। पत्नी ने दावा किया कि पति ने उन्हें आगे पढ़ाई कराने से इनकार कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, चौगाईं निवासी पिंटू की शादी वर्ष 2010 में मठिला की लड़की खुशबू से हुई थी। तब पत्नी मैट्रिक पास थी। तब से वह अपनी पत्नी को आगे की पढ़ाई में मदद कर रहे हैं। पत्नी अब स्नातकोत्तर के अलावा डीएलएड कोर्स भी कर चुकी है।
पति ने आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कही
पत्नी ने थाने में दावा किया कि उत्तर प्रदेश की ज्योति मौर्य की घटना से प्रभावित पति ने उनकी पढ़ाई अचानक बंद करा दी। बाेलने लगे कि आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। अब पढ़ाने के लिए पैसा नहीं है। पत्नी का कहना है कि 64वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में मामूली अंक से पीछे रह गई। हालांकि, थानाध्यक्ष रविकांत प्रसाद ने बताया कि दोनों को समझा-बुझाकर घर भेज दिया गया है।
पहले भी चर्चा में रही पति-पत्नी की जोड़ी
हालांकि, ये पहली बार नहीं है, जब यह दंपती खबरों में आए हैं। इससे पहले पत्नी खुशबू ने रक्षाबंधन पर अपने पति को राखी बांधकर खूब चर्चा बटोरी थी। इनका एक और काम समाज में चर्चा का विषय रहा है। खुशबू बताती हैं कि उनके जेठ और जेठानी का एक साल के अंतर पर असामयिक निधन हो गया था। उनके तीन बच्चों के लालन-पालन करने के लिए दंपती ने अपना बच्चा पैदा नहीं करने का निर्णय लिया था। हालांकि, नई घटना को कुछ लोग पब्लिसिटी स्टंट मान रहे हैं।