गंगा ग्लोबल बी.एड. काॅलेज में जयंती पर याद किए मुंशी प्रेमचन्द, समारोह आयोजित
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गंगा ग्लोबल बी.एड. काॅलेज में जयंती पर याद किए मुंशी प्रेमचन्द, समारोह आयोजित

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गंगा ग्लोबल बीएड काॅलेज के दर्जन से अधिक प्रशिक्षुओं ने जयंती पर प्रेमचन्द की कहानियों को सुनाया 

BINOD KARN

BEGUSARAI: गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टीचर एजुकेशन के सत्र 2023-25 के प्रशिक्षुओं ने मुंशी प्रेमचन्द की जयंती के अवसर पर समारोह का आयोजन सोमवार को किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य नीरज कुमार, प्राध्यापकों व प्रशिक्षुओं व्दारा मुंशी प्रेमचंद की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। इससे पूर्व प्रशिक्षुओं ने पांच सौ शब्दों में प्रेमचंद की साहित्यिक दृष्टिकोण पर आलेख लिखा। 

इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्राचार्य डाॅ. नीरज कुमार ने कहा कि हिन्दी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद ने ग्रामीण क्षेत्र को प्राथमिकता दी और आमजन की स्थिति को साहित्य का हिस्सा बनाया। उन्होंने प्रेमचंद की पंक्तियों को रेखांकित करते हुए कहा कि विपत्ति से बड़ा कोई विद्यालय नहीं होता। संयोजक व हिन्दी विभाग की प्राध्यापक डाॅ. कामायनी कुमारी ने कहा कि आज हम प्रेमचन्द की 143वीं जयंती मना रहे हैं। शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो उनकी कहानी से परिचित नहीं होगा। उनकी कहानियों में गांव की तस्वीर झलकती है। मुंशी प्रेमचंद के संबंध में प्रशिक्षु भारती कुमारी ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा की तथा उनकी कहानी का प्रसिद्ध संवाद का उल्लेख किया- "क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात नहीं करोगे"। प्रशिक्षुओं ने न सिर्फ़ प्रेमचन्द पर कविताओं का पाठ किया वहीं पंच परमेश्वर, नमक का दरोगा, पूस की रात आदि दर्जनों कहानियों का पाठ किया। कहानी का पाठ नेहा कुमारी, मोनू कुमार, श्रृष्टि गौतम, हर्षिता कुमारी, मनोज कुमार, अमलेश कुमार, विशाल कुमार, आशीष कुमार, लिपी कुमारी, नीकू कुमारी, मीणा कुमारी, शाम्भवी कुमारी, हिमरेणु, डॉली, जागृति, प्रतिमा आनंद, स्वाती प्रिया, सुप्रिया, रुची, प्रदीप, कुलदीप, भारती कुमारी, सलोनी कुमारी, रोशनी कुमारी, पल्लवी कुमारी, रीतेश कुमार, पूजा कुमारी, कंचन, विकास कुमार, नेहा कुमारी, रितु भारती आदि ने किया। इस अवसर पर प्रो. परवेज़ यूसुफ़, प्रो. अंजली, प्रो. बिनोद कुमार, प्रो. विपिन कुमार, डाॅ0 कामायनी कुमारी, प्रो. अमर कुमार, प्रो. अनीथा एस, प्रो. धनंजय कुमार व डाॅ. अविनाश कुमार व कार्यालयकर्मी मनीष कुमार तथा प्रकाश सिन्हा के साथ आलोक कुमार आदि उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रो.परवेज़ यूसुफ़ ने कहा कि प्रेमचंद आज भी प्रासंगिक हैं। प्रशिक्षुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कहो कहानी प्रेमचन्द की के माध्यम से आप सभी ने दर्जनों कहानियों को सुनाया इसके लिए आप सभी प्रशिक्षु धन्यवाद के पात्र हैं। मंच संचालन प्रशिक्षु श्रृष्टि गौतम और मोनू कुमार ने किया।

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