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गंगा समग्र सिर्फ गंगा ही नहीं सभी जलस्रोतों की करती है चिंता
BINOD KARN
PATNA : इस्कॉन मंदिर स्थित सभागार में आयोजित
गंगा समग्र के उत्तर बिहार व दक्षिण बिहार की दो दिवसीय संयुक्त बैठक अविरल गंगा, निर्मल गंगा के लक्ष्य को पूरा करने के संकल्प के साथ 16 जुलाई को संपन्न हो गई। कार्यक्रम का उद्घाटन गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ लल्लू बाबू व राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
बैठक को संबोधित करते हुए रामाशीष जी ने गंगा समग्र में शामिल कुल 15 आयामों की चर्चा करते हुए उनमें से 5 पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सभी आयामों के लिए संयोजक व सह संयोजक को नियुक्त करने को कहा। वहीं पूर्व से नियुक्त आयामों के संयोजक सह संयोजक ने अपने कार्यकलापों का ब्यौरा पेश किया। उन्होंने कहा कि गंगा सिर्फ नदी या कहें जलस्रोत नहीं है बल्कि जीवन धारा है। गंगा समग्र गंगा ही नहीं तालाब, कुआं, छोटी-छोटी नदियों के साथ ही सभी जलस्रोतों की भी चिंता करती है।
रामाशीष जी ने बताया कि गंगा समग्र की राष्ट्रीय कमेटी ने वर्ष भर के लिए सुनिश्चित 6 कार्यक्रम तय कर रखे हैं। उनमें गंगा सप्तमी, गंगा दशहरा, वृक्षारोपण, विश्व नदी दिवस, गंगा महोत्सव व संकल्प दिवस शामिल हैं। कहा इन कार्यक्रमों को जिला स्तर पर मनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गंगा के बारे में जितना जानना जरूरी है उससे अधिक महत्वपूर्ण बात आस्था रखने की है। गंगा के प्रति जब आस्था जाएगी तो लोग गंगा व इसमें मिलने वाली नदियों को न तो गंदा करेंगे और न उसके प्रवाह को बाधित करेंगे।
उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण आयाम गुरु पूर्णिमा से आरंभ होता है और सावन पूर्णिमा को खत्म होता है। मसलन अभी हमें वृक्षारोपण आयाम का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीपल, बड़ व पाकड़ को इसलिए देववृक्ष माना गया है क्योंकि ये आभासी वृक्ष हैं। आभासी का व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि पेड़ अपने पत्ते के माध्यम से सूर्य की रोशनी में कार्बन डाइऑक्साइड का भोजन करते हैं और हमें आक्सीजन देते हैं। लेकिन ये तीनों पेड़ सूर्य के आभास होने के कारण सूर्यास्त के बाद भी कार्बन डाइऑक्साइड का भोजन कर जीवों को आक्सीजन देते हैं।
आरएसएस के उत्तर-पूर्व क्षेत्र कार्यवाह डॉ. मोहन प्रसाद सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए गंगा समग्र के कार्यकलापों की प्रशंसा करते हुए कार्य में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार अपने ढंग से काम करती है लेकिन जनसहयोग के बिना गंगा की निर्मलता व अविरलता का काम संभव नहीं है।
बैठक के समापन सत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सिंह ने उत्तर व दक्षिण बिहार के लिए विभिन्न आयामों के संयोजक सह संयोजक के नामों की घोषणा की। कार्यक्रम में भाजपा के प्रांत संगठन मंत्री भीखूभाई दालसनिया ने भी भाग लिया।
मंच संचालन राष्ट्रीय मंत्री रामाशंकर प्रसाद सिन्हा व दक्षिण बिहार प्रांत संयोजक शंभूनाथ पांडेय ने किया। बैठक के दौरान उत्तर बिहार प्रांत संयोजक सह एमएलसी सर्वेश कुमार ने उत्तर बिहार में गंगा समग्र व्दारा किए कार्यक्रम व गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिन आयामों में संयोजक, सहसंयोजक अभी नहीं हैं उन्हें 15 अगस्त तक नियुक्त कर लिए जाएंगे। वहीं दक्षिण बिहार प्रांत संयोजक शंभू पांडेय ने भी अपने क्षेत्र के किए गए कार्यों का ब्यौरा पेश किया।
बैठक में सह संयोजक जयकिशोर पाठक, रामचंद्र सिंह, श्वेता श्रीवास्तव, उर्मिला सिंह, प्रीति सिन्हा, पटना महानगर संयोजक सुबोध कुमार, सह संयोजक रामानंद कुमार, उत्तर बिहार प्रांत के कोषाध्यक्ष गोपाल कुमार, गंगा आरती के संयोजक श्रीराम तिवारी, प्रचार विभाग के प्रमुख विनोद कर्ण, वृक्षारोपण के प्रांत संयोजक सर्वजीत सिंह, कार्यसमिति सदस्य रजनी जायसवाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।