10वीं के परिक्षार्थियों का कैरियर काउंसिलिंग को रिवरवैली पहुंचे कोटा के शिक्षक
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10वीं के परिक्षार्थियों का कैरियर काउंसिलिंग को रिवरवैली पहुंचे कोटा के शिक्षक

THN Network (Desk): 









राजस्थान के कोटा से पधारे अभय मिश्रा ने कहा- पहले लक्ष्य कीजिए तय, तभी परिणाम की आशा 

BINOD KARN

BEGUSARAI: स्थानीय रिवरवैली स्कूल में सोमवार को CBSE 10वीं की परीक्षा में शामिल होने जा रहे छात्र -छात्राओं‌ के बीच कैरियर काउंसिलिंग सत्र का आयोजन किया गया। स्कूल का मकसद जिले के छात्रों को कंपिटेटिव एग्जाम की तैयारी के लिए बाहर नहीं जाना पड़े और अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम पड़े।
 इस मौके पर राजस्थान के कोटा से पधारे शिक्षक व कैरियर काउंसलर अभय मिश्रा ने बच्चों को सरल भाषा में मोटिवेट किया। कैरियर काउंसलर श्री मिश्रा ने कई तरह के कैरियर के बारे में बच्चों को बताया। उन्होंने कहा कि हजारों कैरियर है उनमें चुनना बच्चों के च्वाइस पर निर्भर करता है। बच्चे अपने च्वाइस को प्राथमिकता दें। अभिभावकों को अपना ख्वाहिश पूरा करने के लिए बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए।

इस मौके पर नेटोलॉजी(डीएम) डॉ. प्राची ने बताया तीन तरह के बच्चे होते हैं। पहला काफी मेहनत करने वाला, दूसरा मेहनत नहीं करते और तीसरे स्मार्ट बच्चे होते हैं जो टापर होते हैं। लेकिन मेहनत करने वाले भी पीछे नहीं रहते हैं। सफलता हासिल करने के लिए मेहनत तो करना ही होगा। उन्होंने कहा कि अभी आप 10वीं की परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं। मेडिकल व इंजीनियरिंग के इंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए साल-दो-साल का समय है, लेकिन लक्ष्य तय करने में विलम्ब नहीं कीजिए।
रिवरवैली स्कूल के मैथ टीचर निलेश पूर्वे ने कहा कि कोटा की तरह पढ़ाई की सुविधा रिवरवैली में हम 2018 से दे रहे हैं। कोचिंग क्लास से कुछ अलग यहां करते हैं। मेजर व लिमिटेड दोनों तरह का टेस्ट लेते हैं। कोटा के कोचिंग सेंटर में जो बच्चे समझ नहीं पाते उनके लिए अलग से क्लास नहीं ली जाती है, लेकिन रिवरवैली स्कूल में हर बच्चों के जिज्ञासा को शांत किया जाता है। 

इस अवसर पर रिवरवैली स्कूल के निदेशक आर एन सिंह ने कहा कि निर्णय लेने में विलंब नहीं करें यानी लक्ष्य सामने रख कर तैयारी करनी चाहिए।
दो साल पढ़ाई के लिए पूरा वक्त दें। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि बच्चों में काफी उर्जा है। उन्हें दिशा देने की जरूरत है। बच्चों को किसी तरह का मानसिक कठिनाई नहीं हो। तनाव से मुक्त रखें। काउंसिलिंग सत्र में बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भी भाग लिया।

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