THN Network
BINOD KARN
BEGUSARAI: विश्व हिन्दी दिवस पर बरौनी रिफ़ाइनरी के अधिगम एवं विकास केंद्र में हर्षोल्लास के साथ 10 जनवरी को समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आरके झा ने की। गौरतलब हो कि बरौनी रिफाइनरी के कर्मचारियों के बीच कामकाज में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस का आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव में हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य भूमिका विषय पर एक व्याख्यान रखा गया। वक्ता के रूप में डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर हिन्दी, महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी को आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर संजीव कुमार, अतिरिक्त महासचिव, बीटीएमयू तथा विनोद कुमार, सचिव, आईओओए ने भी राष्ट्र निर्माण में हिन्दी की भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर श्री झा ने कहा कि “हिन्दी हमारी मातृभाषा है और इसमें मन की बात करना सबसे सरल एवं सहज है। हमारे लिए गर्व की बात है कि पूरे विश्व में आज हिन्दी सबसे ज्यादा सीखी जाने वाली भाषा है। हिंदी देश के विकास में महती भूमिका निभा रही है। अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी विश्व प्रिय है। आज हिन्दी स्वतः स्फूर्त भाव से विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है। हमें हिन्दी के सरल प्रयोग को बढ़ावा देना है, ताकि इसकी उपयोगिता और प्रयोग को बढ़ाया जा सके। हम बरौनी रिफाइनरी के सभी साझेदारों, ग्राहकों और कर्मचारियों को ये विश्वास दिलाए कि वे अपना कामकाज निःसंकोच भाव से हिन्दी में कर सकते हैं। हम सब मिलकर हिन्दी में काम करने का भरोसा पैदा करें। आज तकनीकी ने हमें अवसर दिया है कि हम सभी अपने कार्यालयों में भी सुगमता के साथ हिन्दी का प्रयोग कर सकें। राजभाषा विभाग का हमेशा से इस बात पर ज़ोर रहा है कि सरल भाषा का, आम जनमानस की भाषा का प्रयोग किया जाए। हमें हिन्दी के प्रयोग में संकोच करने के बजाए गर्व के साथ इसके उपयोग को बढ़ाना है।“
विशेष वक्ता के रूप में एसोसिएट प्रोफेसर (हिन्दी), महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी डॉ.अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि, “हिन्दी का ज्ञान एवं हिन्दी में संचार भारत को विश्व के पटल पर समृद्ध करने के लिए अति आवश्यक है। हिन्दी एक एहसास है जिस पर हमें गर्व होना चाहिए। भारतीय होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी भाषा का सम्मान करें। आज हमारे पास यूनीकोड, वॉइस टाइपिंग जैसी सरल तकनीक है जिससे हिन्दी में काम करना और भी आसान हो गया है। हिन्दी मन के करीब की भाषा है, मन के नजदीक की चीजों की धमक अलग होती है। ऐसे में हमें हिन्दी के प्रयोग में संकोच करने के बजाए स्वाभिमान के साथ इसके उपयोग को बढ़ाना है।“ हिन्दी की बढ़ती लोकप्रियता पर प्रकाश डालते हुए उन्होने कहा कि “आज विश्व में हिन्दी एक प्रभावशाली भाषा है और इसे एशिया की प्रतिनिधि भाषा के रूप में देखा जाता है। अगर हमें हिन्दी को विश्व की लोकप्रिय भाषा बनानी है तो हमें इसे स्वाभिमान की भाषा के रूप में स्थापित करना होगा।“
बताते चलें कि डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। वहाँ शोधार्थी रहते हुए इन्होंनें वैकल्पिक शिक्षक के रूप में अध्यापन भी किया है तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली के हिन्दी विभाग में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन किया। तत्पश्चात संघ लोक सेवा आयोग, दिल्ली द्वारा चयनित होकर अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के जवाहरलाल नेहरू राजकीय महाविद्यालय, पोर्ट ब्लेयर तथा महात्मा गाँधी राजकीय महाविद्यालय, मायाबंदर में आठ वर्षों से अधिक समय तक असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अध्यापन किया है। इनके 20 से अधिक आलेख नया ज्ञानोदय, समयांतर, साहित्य अमृत , जनपथ, संवेद और अन्य महत्त्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं तथा पुस्तकों में प्रकाशित हैं। इन्हें बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना के शताब्दी सम्मान(युवा), संस्कृति राष्ट्रसेवा संस्थान, राजस्थान के संस्कृति राष्ट्रसेवा सम्मान- 2018 तथा 150वीं महात्मा गाँधी इंस्पिरेशन ऑनर एवार्ड से सम्मानित किया गया हैं।
इस अवसर पर टीके बिसई, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), जीआरके मूर्ति, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना), डॉ प्रशांत राऊत, मुख्य महाप्रबंधक (एम एंड सी), एमएल कुमार, महाप्रबंधक (एमएस एवं एलएंडडी), बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए हिन्दी टाइपिंग और हिन्दी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन शरद कुमार, वरिष्ठ अधिकारी (ईएमएस एवं हिन्दी) ने किया।