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PATNA: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भी शराब से हुई मौतों को लेकर जोरदार हंगामा जारी है। इस दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सदन में बोलते ही विपक्षी विधायकों ने बिहार विधानसभा में कुर्सियां पटक कर हंगामा किया। जिसके कारण 7 मिनट में सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। बता दें कि साढ़े 12 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
बता दें कि बिहार के सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 57 हो चुकी है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने जहरीली शराब से हुई मौतों का मुद्दा उठाया था। हालांकि, इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में अपना आपा खो दिया था।
नीतीश कुमार ने सदन में खोया आपा
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उस समय राज्य विधानसभा में अपना आपा खो दिया। जब विपक्ष के विजय कुमार सिन्हा ने छपरा में जहरीली शराब के कारण हुई मौतों के मद्देनजर राज्य सरकार के शराबबंदी पर सवाल उठाया। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार अपना आपा खो बैठे और विपक्ष के नेता से कहा कि क्या हो गया तुम्हें...शराबबंदी के पक्ष में था न?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने गुरुवार को कहा कि जहरीली शराब पीने की वजह से बिहार में मौत का मातम पसरा हुआ है और नीतीश कुमार अहंकार में डूबे हैं। शराबबंदी वाले राज्य में जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं और नीतीश कुमार अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं। नीतीश कुमार को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
चौबे ने कहा कि नीतीश की शराबबंदी बिहार में फेल हो चुकी है। शराब माफिया फल फूल रहे हैं। प्रशासन उन्हें प्रश्रय देता है। इसी वजह से लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं। मुख्यमंत्री को यह सब नहीं दिख रहा है। वह केवल हठधर्मिता कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि नीतीश सरकार बिहार में शराबबंदी लागू करने में बुरी तरह फेल हुई है।
उन्होंने कहा शराबबंदी के निगेटिव परिणाम सामने आए हैं। छपरा में मौत के मातम से सन्नाटा पसरा है। उन्होंने सवाल किया है कि नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि आखिर क्यों शराबबंदी वाले राज्य में शराब मिल रही है और लोग मर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'जो शराब पिएगा, वह मरेगा' मुख्यमंत्री का यह बयान दर्शाता है कि वह विवेक शून्य हो गए हैं।