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PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में स्पष्ट शब्दों में कहा कि शराब पीकर मरने वालों के स्वजन को मुआवजा देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। महागठबंधन में शामिल माकपा के विधायक सत्येंद्र यादव ने विधानसभा में यह मांग रखी कि जहरीली शराब पीकर मरे लोगों के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए।
उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन मे मौजूद थे। वह तुरंत खड़े हो गए और कहा कि अगर ऐसा करना है, तो तय कर लीजिए कि शराबबंदी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं कि ऐसी गलत बात सोचिए भी नहीं। जो लोग गंदी शराब पीकर मरे हैं, उनके प्रति हमदर्दी नहीं चाहिए। जहां शराबबंदी नहीं है, वहां भी तो जहरीली शराब पीने से लोग मर रहे हैं।
जो पीएगा, वह मरेगा, शराब पीना गंदी बात: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह तो बार-बार यह कह रहे कि जो पीएगा, वह मरेगा। जिसने गंदी शराब पी, उसको मदद करेंगे? यह गंदी बात है। शराब पीने वालों को मदद की जाती है क्या? सभी धर्म में शराब पीने वालों को ठीक नहीं माना जाता। अब तो वह हर जगह जाकर बताएंगे कि जो शराब के पक्ष मे बोल रहे हैं, वह आपके हित में नहीं है। जो लोग हमारे साथ शराबबंदी के पक्ष में भाषण देते थे, वे आज उल्टा बोल रहे।
बिहार को बदनाम करने की भाजपा की साजिश: सीएम
सीएम नीतीश ने कहा, अगर ईमानदार हैं तो सरकार को शराब के बारे में सूचना दें। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों से बिहार को बदनाम करने के लिए वहां से शराब भेजी जा रही। बिहार में यूपी और हरियाणा से शराब आ रही।
बिहार में शराबबंदी मजबूती से लागू: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार देश का अकेला राज्य है, जहां पूरी मजबूती के साथ शराबबंदी लागू है। जो लोग केंद्र में राज कर रहे हैं, उनके राज्य में किस तरह से शराबबंदी है? मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री तक बिहार की शराबबंदी की तारीफ करते हुए यह कह चुके हैं कि यह अच्छा काम है। उस समय तो हम उनके साथ भी नहीं थे।