बिहार डेस्क (THN Network)
लोजपा में टूट के बाद चाचा पशुपति पारस और भतीजा चिराग पासवान की चर्चा एक बार फिर से तेज हो गई है। बदले सियासी समीकरण में लोजपा(रामविलास) के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान की बीजेपी से नजदीकी के बाद यह कयास लगने लगे हैं कि क्या चाचा और भतीजा फिर से एक साथ सियासी पारी खलेंगे। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सोमवार को खुलकर बात की है। उन्होंने कहा है कि जंगल में शेर और भालू दोनों रहते हैं। भविष्य कोई नहीं जानता।
जंगल में शेर और बालू दोनों रहते हैं
पशुपति पारस ने सोमवार को मीडिया से बातचीत की। उन्होंने इस दौरान कहा कि चिराग पासवान का एनडीए में आने का वो स्वागत करते हैं। संवाददातओं ने जब पूछा कि इस स्थिति में 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरा क्या दोनों दलों के वोटों का बंटवारा नहीं होगा? इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जंगल में शेर और भालू दोनों रहते हैं। पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए सभी का रहना जरूरी है।
क्या एक साथ आएंगे चाचा- भजीता
चाचा-भतीजे की जोड़ी को एक साथ देखने के सवाल पर पशुपति पारस ने कहा कि व्यक्ति नहीं समय बलवान होता है। समय आने पर इसके बारे में सोचा जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी किया कि पहले वो लोग प्रायश्चित तो करें फिर आगे सोचा जाएगा।
शराबबंदी कानून पर फिर से हो विचार
गौरतलब है कि रविवार को आरसीपी सिंह ने शराबबंदी कानून पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है। प्रदेश में शराबबंदी कानून को लेकर पूछ गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, मैं जीतन राम मांझी और कांग्रेस के बयान से सहमत हूं। बिहार में शराबबंदी है ही नहीं। 200 रुपये की शराब 1500 में बेची जा रही है। अमीर लोग आराम से यहां शराब का सेवन कर रहे हैं। केवल गरीब लोगों को पकड़ा जा रहा है। पशुपति पारस ने कहा कि ऐसे में शराबबंदी कानून में ढील या फिर कानून को लेकर फिर से विचार करने की जरूरत है।