बिहार डेस्क (THN Network)
Bihar News: बिहार में जाति आधारित गणना के काम में देरी होने की गुंजाइश बढ़ गई है। सरकार ने इसे फरवरी 2023 तक पूरा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन गणना का कार्य शुरू करने से पहले की जरूरी तैयारियां अभी तक मुक्कमल नहीं हो सकी हैं। इसे देखते हुए सरकार ने जाति गणना के लिए समयसीमा बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार सरकार के मंत्रिमंडल ने कई बड़े फैसले लिये।
जाति गणना पर लिए गए कई फैसले
बिहार में कैबिनेट की बैठक के दौरान मद्य निषेध उत्पाद व निबंधन विभाग के लिए आकस्मिकता निधि से 25 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। इस बैठक में जाति गणना से जुड़े कई निर्णय लिए गए और खर्च के लिए स्वीकृति दी गई। जाति आधारित गणना 2022 के एप व पोर्टल निर्माण के लिए परामर्शी चयन होने पर 2.44 करोड़ भुगतान की स्वीकृति दी गई है।
मई 2023 तक पूरी होगी जाति गणना
जाति आधारित गणना का कार्य पूर्ण करने के लिए निर्धारित समयसीमा को फरवरी 2023 से बढ़ाकर मई 2023 करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। भारत निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची पुनरीक्षण व बिहार बोर्ड की मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा को देखते हुए आज की बैठक में इसकी मियाद को बढ़ाकर मई 2023 कर दिया गया है।
महंगाई भत्ता बढ़ाने का लिया गया फैसला
पंचम वेतन प्राप्त कर रहे कर्मी पेंशनरों को पहली जुलाई 2022 से 381 के स्थान पर 396 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत किया। जबकि षष्टम वेतन प्राप्त करने वाले कर्मी व पेंशन भोगियों को 203 प्रतिशत के स्थान पर 212 प्रतिशत भत्ता मिलेगा।
अवैध खनन रोकने के लिए बोट खरीदेंगे
नदियों से अवैध बालू खनन रोकने के लिए हाई स्पीड बोट व अन्य उपकरण के लिए 5 करोड़ स्वीकृत। खान भूतत्व विभाग में चार खान निरीक्षक के पदों की स्वीकृति दी गई है। विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग में 14 शैक्षणिक पद स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा इसी विभाग में 36 अन्य पद भी स्वीकृत किए गए हैं।