तो क्या विपक्ष की इन पार्टियों के बीच हो सकता है गठबंधन? समझें क्या बन रहे ताजा समीकरण
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तो क्या विपक्ष की इन पार्टियों के बीच हो सकता है गठबंधन? समझें क्या बन रहे ताजा समीकरण

 


भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्ष एकजुट होने लगा है। इसकी बानगी रविवार को हरियाणा में देखने को मिली। यहां फतेहाबाद में पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व.चौधरी देवीलाल की 109वीं जयंती पर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने सम्मान दिवस रैली का आयोजन किया। 

इस रैली में इनेलो के साथ एकजुट गठबंधन की झलक देखने को मिली। एक ही मंच पर विपक्ष के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। विपक्ष का कहना है कि ये तो एक ट्रेलर है। पूरा विपक्ष एकजुट हो चुका है और 2024 में भाजपा वापस सत्ता में नहीं लौटेगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि अब तक कौन-कौन सी पार्टियां एकजुट होने की बात कर चुकी हैं और मौजूदा समीकरण क्या है? 

पहले जानिए रैली में क्या-क्या हुआ? 

फतेहाबाद में हुई रैली के लिए विपक्ष के कई नेताओं को बुलाया गया था। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार, आरजेडी नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी चीफ शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, शिवसेना (उद्धव गुट) से अरविंद सावंत इसमें पहुंचे। सभी ने खुलकर भाजपा सरकार पर हमला किया और विपक्ष के एकजुट होने का एलान किया। 

रैली में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, टीआरएस के के चंद्रशेखर राव, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला, राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल, मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, डीएमके सांसद कनिमोझी नहीं पहुंच पाए। बताया गया कि खराब मौसम के चलते ये नेता नहीं पहुंच पाए। हालांकि, टीएमसी की तरफ से विधायक विवेक गुप्ता के आने की खबर है। लेकिन ममता खुद नहीं पहुंचीं। 

 

किसने क्या कहा? 


नीतीश कुमार बोले- मैं पीएम पद का उम्मीदवार नहीं

रैली को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह तीसरा मोर्चा नहीं है, यह तो पहला मोर्चा है। हम सब एक साथ रहेंगे, तो ही मजबूत होंगे। मैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं। मैं सिर्फ भाजपा के खिलाफ विपक्ष को साथ लाने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों के दौरान भाजपा हमारे उम्मीदवारों को हराने की कोशिश कर रही थी। केंद्र ने पिछड़े राज्य के लिए जो वादा किया था, वह पूरा नहीं किया। बिहार में आज सात पार्टियां एक साथ काम कर रही हैं। उनके पास 2024 का चुनाव जीतने का कोई मौका नहीं है। नीतीश ने कहा कि मैं कांग्रेस सहित सभी दलों से एक साथ आने का आग्रह करूंगा और फिर वे (भाजपा) 2024 के लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारेंगे। उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई लड़ाई नहीं है। भाजपा गड़बड़ी पैदा करना चाहती है।


तेजस्वी ने कहा, अब कोई एनडीए नहीं है 

बिहार के उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव बोले, आज देश की जो स्थिति बनी हुई है वो किसी से छुपी नहीं है। वो (भाजपा) लोग चाहते हैं कि इस देश का सब कुछ समाप्त हो जाए, केवल भाजपा, संघ और उनके कुछ साथी रह जाएं। आज हम उन किसानों को धन्यवाद देते हैं जिनके बेटे जवान(फौजी) हैं क्योंकि जवानों ने देश को बचाने का काम किया है। मैं आप लोगों का धन्यवाद करने आया हूं कि किसानों ने किसान आंदोलन कर संघियों को अच्छे से सबक सिखाने का काम किया। उन्होंने कहा कि अब कोई एनडीए नहीं है। शिवसेना, अकाली दल, जद (यू) जैसे भाजपा सहयोगियों ने लोकतंत्र को बचाने के लिए इसे छोड़ दिया है।


पवार बोले- सत्ता परिवर्तन का समय आ गया है

राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने इनेलो की रैली में कहा कि किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन सरकार ने लंबे समय तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। पवार ने कहा कि सरकार ने किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का वादा किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि 2024 में सरकार परिवर्तन सुनिश्चित करने की दिशा में सभी के लिए काम करने का समय आ गया है। हमारे किसान और युवा आत्महत्या करने को मजबूर हैं। इसका अब तक कोई समाधान नहीं निकाला गया।


सुखबीर सिंह बादल ने कहा, हम सभी को एकसाथ आना होगा

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के आह्वान में शामिल हो गए। बादल ने कहा कि शिवसेना और जद(यू) के साथ उनकी पार्टी 'असली एनडीए' है, क्योंकि उन्होंने गठबंधन की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि यह समय है कि सभी समान विचारधारा वाले दल किसानों और मजदूरों के झंडे तले एकजुट हों और उनके कल्याण के लिए काम करें। बादल ने आप पर भी हमला बोला और कहा कि ऐसी पार्टियां सत्ता में आने पर पूरी राज्य मशीनरी को तबाह कर देती हैं।

 

तो किन दलों ने बना लिया गठबंधन का मन? 

इसे समझने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, 'अगर आज की ये रैली देखी जाए तो तस्वीर साफ होती दिख रही है। हालांकि, पूरा विपक्ष एकजुट होने में अभी कई अड़चने हैं। ममता बनर्जी, केसीआर अभी भी नेतृत्व को लेकर साफ नहीं हो पा रहे हैं। उधर, डीएमके जैसी कुछ पार्टियां ऐसी हैं जो कांग्रेस के चलते अभी फैसला नहीं ले पा रहीं हैं।'


प्रमोद आगे कहते हैं, 'आज के हिसाब से देखा जाए तो नीतीश कुमार ने आरजेडी, सपा, इनेलो, माकपा, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव गुट), नेशनल कांफ्रेंस, समाजवादी पार्टी, शिरोमणी अकाली दल को साथ लाने में कामयाबी हासिल करते दिख रहे हैं। मामला टीआरएस, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बसपा जैसी पार्टियों को लेकर फंस रहा है।'


प्रमोद के अनुसार, चुनाव से पहले कुछ पार्टियां तो जरूर एकजुट हो सकती हैं, लेकिन बड़ी पार्टियों में अहम का टकराव होगा। ऐसे में ज्यादा संभावना इस बात की बन रही है कि 2024 में कई पार्टियां अकेले दम पर चुनाव लड़ें और अगर ऐसी स्थिति बनती है कि विपक्ष सरकार बना सकती है तो भाजपा को बाहर करने के लिए ये सभी पार्टियां एकजुट हो सकती हैं।


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