THN Bureau
BEGUSARAI : 5.11 करोड़ के बखरी नगर पंचायत खरीद घोटाले में पूर्व मुख्य पार्षद गीता देवी कुशवाहा की अग्रिम जमानत याचिका बेगूसराय सेशन कोर्ट ने ख़ारिज़ कर दी है। अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज़ होते ही पूर्व मुख्य पार्षद गीता देवी कुशवाहा पर कोर्ट में सरेंडर करने, नहीं तो गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
इधर सेशन कोर्ट से एंटीसिपेटरी बेल रिजेक्ट होते ही बखरी नगर परिषद चुनाव में मुख्य पार्षद सीट से उनके चुनाव लड़ने की संभावना पर ग्रहण लग गया है। सूत्रों के मुताबिक गीता देवी कुशवाहा मुख्य पार्षद सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही थी।
मालूम हो कि बखरी नगर पंचायत खरीद घोटाले में निगरानी जांच में आठ पूर्व माननीय पार्षदों को दोषी ठहराया गया है। इस जांच के आलोक में नगर विकास एवं आवास विभाग के आदेश पर दो पूर्व मुख्य पार्षद कुमारी संगीता राय और गीता देवी कुशवाहा के अलावा पूर्व के वार्ड नंबर 18 की पूर्व पार्षद कल्याणी देवी, वार्ड चार की पूर्व पार्षद कुमारी वीणा, वार्ड दो की पूर्व पार्षद शायरा खातुन, वार्ड 14 की पूर्व पार्षद माधुरी देवी, वार्ड सात के पूर्व पार्षद अशोक कुमार राय, वार्ड आठ के पूर्व पार्षद उमेश रजक पर वित्तीय अनियमितता और सरकारी राशि गबन के मामले में बखरी थाना में FIR No. 165/2022 दर्ज है। FIR दर्ज होने के बाद पूर्व मुख्य पार्षद द्वय व अन्य पार्षदों ने बेगूसराय डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका फाइल की थी, जिसकी सुनवाई ADJ-1 कोर्ट में चल रही थी। शुक्रवार को गीता देवी कुशवाहा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज़ कर दी है। वहीं पूर्व मुख्य पार्षद कुमारी संगीता राय और पूर्व पार्षद अशोक राय की अग्रिम जमानत याचिका पर 29 सितंबर को फिर सुनवाई होगी। वहीं पूर्व के वार्ड नंबर-14 की पूर्व पार्षद माधुरी देवी की अग्रिम जमानत पर 30 सितंबर को सुनवाई होगी।
इस मामले की सुनवाई पर बखरी समेत पूरे जिले भर के लोगों की नजर थी। लोगों की नजर पुलिस पर भी है कि साढ़े तीन महीने से भी अधिक समय से भ्रष्टाचार के आरोपी पार्षदों पर हाथ नहीं डालकर 'मेहरबानी' फरमा रही पुलिस का अगला कदम अब क्या होता है? सूत्रों का कहना है कि बखरी पुलिस भी पूर्व पार्षदों के अग्रिम जमानत याचिका पर फैसले का इंतजार कर रही थी। अब जबकि गीता देवी कुशवाहा की अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज़ हो चुकी है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बखरी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है या नहीं? बखरी पुलिस ने इस चर्चित मामले में अभी तक किसी आरोपी पूर्व मुख्य पार्षद या पार्षदों से ना तो पूछताछ की है और ना ही उनकी गिरफ्तारी का वारंट कोर्ट से लिया है। लोगों का आरोप है कि पुलिस जांच के नाम पर निगरानी जांच के दोषी पार्षदों को बचा रही है। हालांकि बखरी थानाध्यक्ष हिमांशु कुमार सिंह का कहना है कि वरीय पदाधिकारियों की ओर से गिरफ्तारी के संबंध में कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है। जैसे ही केस ट्रू होता है और मार्गदर्शन मिलता है कार्रवाई की जाएगी।