BINOD KARN
BEGUSARAI : स्वर्ण जयंती पुस्तकालय में गांधी प्रतिमा के समक्ष 16 सितंबर को राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा का सांकेतिक उपवास कई संकेत दे गया। आरएसएस के चिंतक व वैचारिक क्रांति के संवाहक सांसद प्रो. सिन्हा के उपवास की व्याख्या की जा रही है। उपवास पर बैठे प्रो सिन्हा ने मीडिया को कोई बयान देने से मना कर दिया था। मकसद था, उपवास के समर्थन में बैठे लोगों के हाथों में लिए स्लोगन तख्ती को पढ़िए और संदेश को समझिए।
दरअसल बेगूसराय में में बढ़ते अपराध ने प्रो सिन्हा को आहत किया है। वे चाहते हैं कि युवा पीढ़ी बेगूसराय के गौरव राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के चरित्र का अनुसरण करें और अहिंसा के मार्ग को अपनाकर बिहार में प्रगति के पहले पायदान पर बेगूसराय को लाएं। यही कारण है कि भाजपा जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह ने न सिर्फ भाजपा कार्यकर्ता बल्कि बुद्धिजीवियों को भी उपवास के समर्थन में आगे आने का अनुरोध किया। जिसका कुछ सार्थक परिणाम भी देखने को तब मिला, जब प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. नलिनी रंजन सिंह सहित कई प्रबुद्ध नागरिक उपवास पर बैठे नजर आए। बताते चलें कि डॉ नलिनी रंजन सिंह किसी दल विशेष से जुड़े हुए नहीं हैं बल्कि सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करने वालों में शामिल रहे हैं। बहरहाल अपराधियों पर इस उपवास का क्या प्रभाव पड़ेगा यह तो भविष्य तय करेगा। बेहतर पुलिसिंग होगी या नहीं यह भी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन बेहतर समाज निर्माण के लिए दोनों ही जरूरी है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
उपवास पर बैठे लोगों के हाथों में बेगूसराय की संस्कृति पर हमला, हृदय पर चोट, मन में कचोट। बंद है जुबान, जनता है त्राहिमाम, कुछ तो कर लो 'तथाकथित जनता' की सरकार प्रमुख नारे मौन जयकारे लगा रहे थे।
राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा के नेतृत्व में बिरजू मल्लिक, विनोद राम, गौतम सदा, रामप्रवेश सहनी, देवानंद कुशवाहा, रणवीर शर्मा, संजय यादव, कुंदन कानू, राजेश अम्बष्ट, प्रमोद झा ने हिंसा के विरुद्ध व कथित राजनेताओं द्वारा जातीय उन्माद फैलाने के कुत्सित मानसिकता के विरुद्ध स्वर्णजयंती पुस्तकालय, बेगूसराय अवस्थित गांधी जी के प्रतिमा के समक्ष उपवास पर शामिल थे। इस मौके पर जिलाध्यक्ष भाजपा राजकिशोर सिंह, पूर्व अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, पूर्व विधायक श्रीकृष्ण प्रसाद सिंह, शिक्षक नेता डॉ. सुरेश प्रसाद राय, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. नलिनी रंजन सिंह, शम्भू कुमार सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता ने उपस्थित होकर उपवास कार्यक्रम को समर्थन दिया।