ADJ मंझौल दिनेश प्रधान ने हत्या के 20 साल पुराने केस में दी आजीवन कारावास की सजा
VIKAS VERMA
MANJHAUL/BEGUSARAI : डायन का आरोप लगाकर महिला को निर्वस्त्र कर बेरहमी से मारने-पीटने और हत्या कर देने के सनसनीखेज मामले में ADJ मंझौल कोर्ट ने अभियुक्त रामानंदन पासवान को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही पांच हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। शनिवार को अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। इस मामले के दो अन्य आरोपियों को कोर्ट ने बृहस्पतिवार को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया था।
सजा के बिंदु पर शनिवार को ADJ मंझौल दिनेश कुमार प्रधान की अदालत में सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक (APP) राकेश कुमार ने बहस करते हुए कोर्ट से अभियुक्त को अधिकतम सजा की मांग की। अपर लोक अभियोजक ने घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए कहा कि ऐसी घृणित घटना के लिए अभियुक्त को फांसी की सजा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह की घटना को अभियुक्त ने अंजाम दिया वह सभ्य समाज के लिए कलंक है। राकेश कुमार ने कहा कि अभियुक्त ने ना सिर्फ एक महिला का बाल मुड़कर उसे निर्वस्त्र कर समूचे गांव में घुमाकर उसकी गरिमा और इज्जत को सरेआम कर दिया बल्कि उसकी बेरहमी से पिटाई कर उसे जान से भी मार दिया। लिहाजा ऐसा जघन्य कृत्य करने वाले अभियुक्त के प्रति कोर्ट किसी प्रकार की नरमी नहीं बरतें।
वहीं बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता राम बाबू चौधरी ने अभियुक्त की बढ़ती उम्र को देखते हुए अदालत से नरमी बरतने और कम से कम सजा देने की गुहार लगाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार प्रधान ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभियुक्त रामानंदन पासवान को हत्या करने की धारा-302 के तहत उम्रकैद और पांच हजार रुपए जुर्माना, धारा-354 में एक साल की सजा व एक हजार रुपए जुर्माना, डायन एक्ट की धारा -3 में दो महीने की सजा व पांच सौ रुपए जुर्माना, डायन एक्ट की धारा -4 में तीन महीने की सजा व एक हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। सभी सजा एक साथ चलेगा।
इससे पहले बृहस्पतिवार को ADJ मंझौल कोर्ट में इस चर्चित मामले में गवाहों की गवाही, अदालत के रिकॉर्ड में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों, पुलिस की चार्जशीट और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ADJ श्री प्रधान ने घटना के मुख्य अभियुक्त रामानंदन पासवान को IPC की धारा 302, 149/354, और 3/4 डायन एक्ट के तहत घटना का दोषी माना था। वहीं इस घटना के दो अन्य आरोपी रामाशीष पासवान व अजय पासवान को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने रिहा करने का आदेश सुनाया था।
मामले के अनुसार चेरियाबरियारपुर थाना अंतर्गत ठाठा गांव में साल 2004 में एक दिन अभियुक्त रामानंदन पासवान ने चेरियाबरियारपुर थाना कांड संख्या - 103/2004 की सूचिका धनेशरी देवी पर डायन का आरोप लगाकर पहले उसके बाल मुंडवाए और फिर उसे निर्वस्त्र कर मारते-पीटते पूरे गांव में घुमाया और जब वह मरनासन्न हालत में पहुंच गई तो उसे उसके घर के सामने फेंक दिया। पुलिस को जब घटना की जानकारी मिली तो पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया और उसके बयान दर्ज किए थे। कुछ दिन बाद ही महिला की मौत हो गई थी।