शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी का दर्जा देना स्वागतयोग्य, नियमावली त्रुटिपूर्ण: शत्रुघ्न | Rajyakarmi ka Darja
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शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी का दर्जा देना स्वागतयोग्य, नियमावली त्रुटिपूर्ण: शत्रुघ्न | Rajyakarmi ka Darja

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- नियमावली में संशोधन को लेकर CM नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल


BINOD KARN

BEGUSARAI: शिक्षक संघ के महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का जो काम किया है वह स्वागत योग्य है लेकिन नियमावली काफी त्रुटिपूर्ण है। नियमावली में संशोधन को लेकर आगामी 30 दिसंबर को शिक्षक के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे। CM नीतीश कुमार ने उन्हें मिलने का समय दे दिया है। वे बुधवार को जिला माध्यमिक शिक्षक शिक्षक संघ भवन में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। प्रेस वार्ता में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश प्रसाद राय, राज्य सचिव मंडल सदस्य चंद्रकिशोर कुमार, जिला माध्यमिक शिक्षक संघ बेगूसराय के अध्यक्ष उमानंद चौधरी, उपाध्यक्ष श्याम नंदन प्रसाद सिंह उपस्थित थे।
महासचिव श्री सिंह ने कहा कि सरकार जबरदस्ती गैरकानूनी नियमावली लाकर शिक्षकों पर थोपती है जिससे शिक्षक प्रताड़ित होते रहते हैं। इस नियमावली में ऐच्छिक स्थानांतरण का भी प्रावधान नहीं है जो कि काफी खेदजनक है। उन्होंने कहा कि अवकाश तालिका एवं समय सारिणी में परिवर्तन के लिए भी हम CM से मिलकर गंभीरतापूर्वक इस समस्या का समाधान कराएंगे।
उन्हें पूर्ण भरोसा है कि नीतीश कुमार समस्या का समाधान करेंगे।

वहीं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश प्रसाद राय ने कहा कि बिहार विद्यालय विशिष्ट‌‌ शिक्षक नियमावली 2023 पर मंत्रीमंडल की स्वीकृति नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए स्थानीय निकायों तथा नियोजनवाद से मुक्ति का एक मात्र सक्षम कदम है।यह नियमावली जहां शिक्षकों के लिए सेवा निरंतरता, वरीयता तथा प्रोन्नति के मुद्दे पर मौन है वहीं दूसरी ओर एक वर्ष के अंदर सक्षमता परीक्षा लेने का निर्णय संशयात्मक है।‌ इस नियमावली में पदस्थापन के लिए तीन जिलों का विकल्प लेने का प्रावधान भी पूर्व प्रकाशित प्रारूप के विरुद्ध है।


जब सरकार अपनी संकल्प के बल पर BPSC द्वारा चयन प्रक्रिया पूर्ण कर सकती है तो सक्षमता परीक्षा के लिए एक वर्ष की अवधि क्यों। इस नियमावली के प्रख्यापन से उम्मीद लगाए बैठे शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष को निराशा हाथ लगी है।

उपस्थित शिक्षक नेताओं ने व्यापक विसंगति को अविलंब दूर करने विद्यालय संचालन की अवधि 10-से04 करने, विद्यालय दैनंदिनी एवं अवकाश तालिका पूर्ववत करने की मांग के साथ- साथ भारतीय संविधान के अनुसूची 19 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों यथा वाणी एवं लेखनी की स्वतंत्रता, संघ संगठन बनाने तथा उसकी गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार अक्षुण्ण रखने की मांग की है।

जिला अध्यक्ष उमानंद चौधरी ने कहा कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ अपनी गौरवशाली परंपरा के परिप्रेक्ष्य में हम अपनी मांगों‌ की पूर्ति के लिए  एकताबद्ध होकर संघर्ष करते रहेंगे।
महासचिव सहित सभी शिक्षक नेताओं ने कहा कि हमारी उपलब्धि हमारे संघर्ष का प्रतिफल है यदि सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करेगी तो संघर्ष का मार्ग अपनाने के लिए हम विवश होंगे।

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