नीतीश की पार्टी में बगावत! कास्ट सर्वे रिपोर्ट को जेडीयू के इस सांसद ने किया खारिज - Caste Survey
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नीतीश की पार्टी में बगावत! कास्ट सर्वे रिपोर्ट को जेडीयू के इस सांसद ने किया खारिज - Caste Survey

THN Network


पटना
: अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री अशोक चौधरी में विवाद हो गया। अशोक चौधरी के बरबीघा और शेखपुरा जाने से ललन सिंह नाराज थे। ललन सिंह को स्थानीय विधायकों ने शिकायत की थी कि अशोक चौधरी पार्टी लाइन से अलग चल रहे हैं। यहां तक की ललन के करीबी एक विधायक ने अशोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए। विधायक सुदर्शन कुमार ने यहां तक कहा कि अशोक चौधरी उसकी हत्या तक करा सकते हैं। उसके बाद बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि जेडीयू के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के अंदर दो गुट हो गए हैं। एक चौधरी गुट और एक ललन गुट। अशोक चौधरी और ललन विवाद को लेकर जमकर बयानबाजी हुई। उसके बाद कहा जाने लगा कि जेडीयू के अंदर सियासी शीतयुद्ध शुरू हो गई है। हालांकि, इस बात से पार्टी नेताओं ने साफ इनकार कर दिया।

जेडीयू के अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं!

ताजा मामला जातिगत सर्वे को लेकर है। जब से गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है। बिहार में सियासत चरम पर है। जातिगत आंकड़ों के हिसाब से हिस्सेदारी की बात होने लगी है। कई इलाकों से ये रिपोर्ट मिल रही है कि उनके यहां तो कोई गणना करने पहुंचा ही नहीं। मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों से ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि उनके यहां कोई नहीं पहुंचा। सवाल ये भी उठने लगा है कि 500 करोड़ रुपये खर्च कर सरकार ने मजाक किया है। बीजेपी नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने तो यहां तक कह दिया कि ये सिर्फ जाति की संख्या पता कर रहे थे। इसमें उनकी आर्थिक स्थिति और सामाजिक स्थिति का कोई वर्णन नहीं है। इस बीच पता ये चला है कि इस गणना के विरोध में जेडीयू के कुछ सांसद भी सामने आए हैं। उन्हीं सांसदों में शामिल हैं सुनील कुमार पिंटू जिन्होंने जातीय जनगणना की रिपोर्ट को खारिज किया है। उन्होंने बकायदा इसे लेकर एक बैठक तक की।

जातिगत सर्वे के मुद्दे पर बवाल
सीतामढ़ी से जेडीयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू का कहना है कि जातिगत सर्वे में तेली समाज की गिनती ही नहीं कई गई है। उन्होंने कहा कि पटना में आठ अक्टूबर को तेली-साहू समाज की बैठक होगी। उसमें जनगणना फिर से कराने को लेकर अपनी मांग रखी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिंटू का कहना है कि तेली-साहू समाज में काफी आक्रोश है। सरकार ने उनके साथ इंसाफ नहीं किया है। सुनील कुमार पिंटू ने गुरुवार को कहा कि जातीय गणना रिपोर्ट के अंदर जो तेली समाज की संख्या बताई गई है, वो बहुत कम है। उन्होंने ये भी कहा है कि सर्वे में तेली समाज की गणना बिल्कुल ही नहीं की गई है। यदि गणना हुई भी है, तो वो सही तरीके से नहीं की गई है। उन्होंने इशारों में सरकार पर तंज कसते हुए और दबाव बनाते हुए कहा कि साहू समाज का संयोजक होने के नाते उन्होंने जिलों में कई लोगों से बातचीत की। उन्हें पता चला कि कहीं-कहीं मोहल्ले और पूरे टोले की गिनती नहीं की गई है।

तेली समाज रखेगा अपनी मांग
सुनील कुमार पिंटू ने साफ कहा है कि इसको लेकर समाज की ओर से एक विशाल जनसभा का आयोजन करते हुए एक बैठक की जाएगी। 8 अक्टूबर को पटना में समाज के लोग जुटेंगे। उनके द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस बैठक में बिहार के हर जिले से लोग शामिल होंगे। वैसे में सरकार से दोबारा जनगणना की मांग की जाएगी। ध्यान रहे कि जातिगत सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद आरजेडी की तरफ से चुप्पी साध ली गई है। इधर, उपेंद्र कुशवाहा सहित बाकी पार्टियों ने इस पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। रिपोर्ट को लेकर सबसे बड़ा सवाल ये है कि आरोप है कि उनके घर तक कोई नहीं गया। उनसे पूछा तक नहीं कि आपके परिवार में कितने लोग हैं। सरकार ने इसे हड़बड़ी में और कोर्ट के डर से जारी कर दिया है। बीजेपी नेता सम्राट चौधरी सहित बाकी नेताओं ने जातिगत सर्वे पर सवाल उठाया। कई जिलों से ऐसी रिपोर्ट आई है कि सर्वे करने वाले लोग उनके इलाके में नहीं पहुंचे।

पार्टी में सियासी शीत युद्ध जारी
सियासी जानकारों की मानें, तो जेडीयू के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उपेंद्र कुशवाहा पहले ही कह चुके हैं कि कई नेता उनके संपर्क में हैं। जेडीयू एक डूबता हुआ नाव है। इधर, हाल में रणवीर नंदन ने पार्टी से इस्तीफा दिया। उसके पहले अजय आलोक, आरसीपी सिंह और कई लोग पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। जिलों में उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में हजारों जेडीयू कार्यकर्ता पार्टी लगातार छोड़ रहे हैं। स्थिति ये है कि जेडीयू में स्थानीय स्तर पर भी भगदड़ मची हुई है। उधर, सुदर्शन कुमार जैसे विधायकों ने अशोक चौधरी पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कुल मिलाकर पार्टी को सुनील कुमार पिंटू के बयान से तगड़ा झटका लगा है। अभी हाल तक कहा जा रहा था कि बिना ललन सिंह की इजाजत के कोई बैठक नहीं कर सकता। कहीं कोई जा नहीं सकता। अब सुनील कुमार पिंटू ने जनसभा करने का ऐलान कर एक नई चेतावनी दे दी है।

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