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भाषा और आर्थिक समृद्धि के अंतः संबंध पर गहरायी से विचार करने की जरूरत : एमएलसी सर्वेश कुमार
BINOD KARN
BEGUSARAI: जिला साहित्य अकादमी के स्थापना दिवस पर गुरुवार को हिन्दी दिवस-सह-सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सीताराम सिंह प्रभंजन एवं संचालन लोकगायक सच्चिदानंद पाठक ने किया। अतिथियों का स्वागत समय सुरभि अनंत के संपादक नरेन्द्र कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए पत्रकार विपिन कुमार मिश्रा को कामता प्रसाद सिंह पत्रकारिता सम्मान एवं कुमार भवेश को जावेद इकबाल पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया। रंगकर्म के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए बाल रंगमंच के निर्देशक एवं बीहट नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार को अशोक पाठक स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। जबकि, साहित्यकारों में प्रो. रामचंद्र सिंह चंद्रेश को डॉ. आनंद नारायण शर्मा सम्मान, प्रवीण प्रियदर्शी को जनार्दन प्रसाद सिंह साहित्यसेवी सम्मान, राम सकल शर्मा प्रदीप को आचार्य लक्ष्मी नारायण शर्मा मुकर सम्मान, राजेश कुमार को महादेव झा सुदेव सम्मान, अभियंता प्रिंस कुमार को रामावतार यादव शक्र सम्मान एवं सायमा जफर को आचार्य फजलुर्रहमान हाशमी सम्मान से सम्मानित किया गया।
पेंशनर समाज भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता-सह- विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने कहा कि हिन्दी संप्रेषण की भाषा के रूप में काफी विकसित हुआ है। उन्होंने पेंशन समाज के भवन को विस्तारित रूप करने का प्रस्ताव साहित्य अकादमी को दिया। कहा कि आज भाषा और आर्थिक समृद्धि के अंतः संबंध पर गहरायी से विचार करने की जरूरत है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. रामचन्द्र सिंह चंद्रेश ने कहा कि बेगूसराय के लोग हिन्दी में सबसे आगे हैं. आज शिक्षा को हटाकर विद्या को स्थापित करने की
ओर हम हमेशा प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि आज देवनागरी लिपि पर सबसे ज्यादा प्रहार हो रहा है। प्रलेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र राजन ने कहा कि एक तरफ तीसरी पीढ़ी हिन्दी से विमुख होती जा रही है और हमलोग हिन्दी दिवस मना रहे हैं। उन्होंने बेगूसराय में हिन्दी भवन की स्थापना के लिए साहित्य अकादमी को नेतृत्व करने की सलाह दी।
अध्यक्षता करते हुए डॉ. सीताराम सिंह प्रभंजन ने कहा कि हिन्दी भाषा के विकास में भारत के राजनीतिज्ञों ने भी इमानदारी से काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि हिन्दी के विकास के लिए हम सबों को कृत संकल्पित रहने की जरूरत है।
धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ रंग निर्देशक अनिल पतंग ने किया। मौके पर चितरंजन सिंह, अशांत भोला, शेखर सांवत, अग्निशेखर, प्रदीप बिहारी, शगुफ्ता ताजवर, विश्वंभर सिंह, संजीव फिरोज एवं विनोद बिहारी, शिक्षक नेता अमरेंद्र कुमार सिंह, अधिवक्ता राजेंद्र महतो, प्रलेस के रामकुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
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