लैंड फॉर जॉब्स केस में लालू के खिलाफ चलेगा केस:केंद्र सरकार ने CBI को दी मंजूरी
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लैंड फॉर जॉब्स केस में लालू के खिलाफ चलेगा केस:केंद्र सरकार ने CBI को दी मंजूरी

THN Network


BIHAR:  लैंड फॉर जॉब्स मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू यादव पर केस चलेगा। केंद्र सरकार से CBI को इसकी इजाजत मिल चुकी है। 1 महीने पहले CBI ने केंद्र से लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी थी।

CBI ने आज दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित लैंड फॉर जॉब्स केस में ताजा आरोप पत्र के संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।

लैंड फॉर जॉब मामला तब का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे, इसलिए इसमें गृह विभाग से अनुमति की जरूरत थी।

CBI ने बताया कि हमने लालू के अलावा रेलवे के 3 अधिकारियों के खिलाफ भी केस चलाने की मंजूरी मांगी थी, जो फिलहाल नहीं मिली है। उम्मीद है कि एक हफ्ते में इजाजत मिल जाएगी।

डिप्टी CM तेजस्वी यादव पर CBI की ओर से दायर चार्जशीट पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई टल गई है। 21 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की गई है।


सूत्रों की माने तो लैंड फॉर जॉब्स मामले में यह नया केस है। पुराने केस में पहले ही राजद सुप्रीमो लालू यादव, बिहार की पूर्व CM राबड़ी देवी और बेटी और सांसद मीसा भारती जमानत पर हैं। नए केस में भी लालू और राबड़ी को आरोपी बनाया गया है।

12 सितंबर को तेजस्वी यादव पर CBI की ओर से दायर चार्जशीट पर सुनवाई हुई थी। CBI ने 3 जुलाई को तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अगली सुनवाई में ये तय होगा कि चार्जशीट एक्सेप्टबल है या नहीं। अगर कोर्ट तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट एक्सेप्ट कर लेती है तो उन्हें इस मामले में जमानत लेनी पड़ेगी।

CBI ने अप्रैल में 8 घंटे तक की थी पूछताछ
लैंड फॉर जॉब्स केस में CBI ने तेजस्वी यादव से दिल्ली में 11 अप्रैल को 8 घंटे पूछताछ की गई थी। CBI ने तेजस्वी से दो शिफ्ट में करीब आठ घंटे तक अलग-अलग सवालों के जवाब पूछे थे। तेजस्वी CBI के समन को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंचे थे। कोर्ट ने डिप्टी CM की CBI के समन को रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

तब CBI ने कोर्ट में कहा कि था कि फिलहाल तेजस्वी यादव को गिरफ्तार नहीं करना है। इस दौरान CBI ने तेजस्वी यादव से कुछ दस्तावेज दिखाकर उसकी पुष्टि भी की थी। तब पूछताछ के बाद तेजस्वी ने कहा था कि जब भी जांच हुई है, हमने सहयोग किया है और जो सवाल किए गए उसके हमने जवाब दिए।

पिछले साल मई और अगस्त में CBI ने मारे थे छापे
CBI ने पिछले साल मई में लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत करीबियों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद ED ने लालू-राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती, चंदा यादव, रागिनी यादव और तेजस्वी से पूछताछ की थी।

समझिए..लैंड फॉर जॉब्स मामले में कैसे आया तेजस्वी का नाम
2004 से 2009 तक लालू प्रसाद केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू प्रसाद ने पद पर रहते हुए परिवार को जमीन ट्रांसफर के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाईं। CBI ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा निर्देशों के अनुरुप नहीं थीं। वहीं, दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित मकान संख्या D-1088 (एबी एक्सपोर्ट्स प्रा.लि.) के नाम रजिस्टर्ड है।

इस कंपनी के मालिक तेजस्वी प्रसाद यादव और उनका परिवार है। इस संपत्ति की आज बाजार में कीमत 150 करोड़ है। इसे खरीदने में मुंबई के जेम्स और ज्वेलरी के कारोबारियों ने पैसे लगाए। कागज पर यह कंपनी का ऑफिस है, लेकिन तेजस्वी इसे अपने घर की तरह इस्तेमाल करते हैं।

तेजस्वी ने 9 नवंबर 2015 को इस कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, तेजस्वी कहते हैं कि जिस समय का यह मामला है, उस समय वे काफी छोटे थे।

ED ने कहा था- 600 करोड़ रुपए का है लैंड फॉर जॉब्स घोटाला
लैंड फॉर जॉब्स केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा था कि यह 600 करोड़ का घोटाला है। जांच में पता चला है कि 350 करोड़ रुपए के प्लॉट और 250 करोड़ रुपए लेनदेन हुए हैं। इस मामले में 24 जगह छापे मारे गए हैं। इनमें एक करोड़ कैश मिले हैं। रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी की भर्ती में 50% कैंडिडेट्स की भर्ती लालू परिवार के चुनावी क्षेत्रों से हुई है।

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