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आशीर्वाद रंगमंडल का मासिक नाट्य श्रृंखला के तहत प्रस्तुत कोर्ट मार्शल को दर्शकों ने सराहा
BINOD KARN
BEGUSARAI: दिनकर कला भवन में आशीर्वाद रंगमंडल बेगूसराय द्वारा शनिवार की शाम आयोजित प्रथम आशीर्वाद मासिक नाट्य श्रृंखला 2023 के छठे माह जून में एक्सपोजर रांची की प्रस्तुति स्वदेश दीपक लिखित नाटक "कोर्ट मार्शल" का सफल मंचन संजय कुमार लाल के निर्देशन में किया गया। नाट्य प्रदर्शन से पूर्व इस नाट्य श्रृंखला का उद्घाटन उप महापौर श्रीमती अनिता राय, बेगूसराय की लोक गायिका एवं अभिनेत्री शिक्षिका कविता कुमारी, जिले की चर्चित चित्रकला की कलाकार अंजली प्रिया, प्रसिद्ध लोक गायिका अंकिता मिश्रा एवम शिक्षिका कवियत्री सीमा संगसार, रंगमंडल के अध्यक्ष ललन प्रसाद सिंह एवं सचिव अमित रौशन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। आगत अतिथियों का स्वागत युवा रंगकर्मी ऋतु कुमारी ने चादर एवं सचिव अमित रौशन ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर फूल का पौधा प्रदान कर किया। कला और साहित्य से अपने जिले की बेटी जिन्होंने कला जगत में एक मुकाम हासिल किया है उनके द्वारा इस कार्यक्रम का उद्घाटन काफी सराहनीय रहा। सभी अतिथियों ने आशीर्वाद रंगमंडल को बधाई दिया और आप जन मानस से सहयोग करने की अपील की।
आप देखने आए, हम सबको जगाने का काम करती है आशीर्वाद रंगमंडल। इसके उपरांत स्वदेश दीपक लिखित नाटक कोर्ट मार्शल का मंचन एक्सपोजर रांची के कलाकारों ने संजय कुमार लाल के निर्देशन में किया। नाटक दर्शकों के ऊपर अमिट छाप छोड़ी। इस नाटक में सेना में ऊंच नीच, भेद भाव, और जाति वाद के ऊपर प्रहार किया है।आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी हम सामंती व्यवस्था में जीने को मजबूर हैं। सेना के अनुशासित जीवन में भी जातिवाद, ऊंच नीच किया जा रहा है। ये नाटक सवार रामचंद्र के माध्यम से जातिवाद पर कुठाराघात किया है। रामचंद्र एक जवान है जो गरीब हरिजन जाति से आता है जिसको कैप्टन वर्मा और कप्तान बी डी कपूर द्वार हमेशा गाली दिया जाता है, जवान रामचंद्र को परेशान किया जाता है। कैप्टन द्वारा अपने घर पर सेवादार की ड्यूटी लगाया जाता है और उसको परेशान किया जाता है जिससे तंग आकर एक दिन रामचंद्र ने दोनों अफसरों को गोली मार देता है।
कैटन वर्मा की मौत हो जाति है और कप्तान बी डी कपूर बच जाता है। जवान रामचंद्र को गिरफ्तार कर लिया जाता है और फिर शुरू होता है जवान रामचंद्र का कोर्ट मार्शल...जिस कोर्ट मार्शल का प्रजाइडिंग ऑफिसर कैप्टन सूरज सिंह हो वहां अपराधी का बचना मुश्किल होता है। आज तक कोई नहीं बच पाया है। कोर्ट मार्शल के दौरान बचाव पक्ष के वकील कैप्टन विकास राय की दलीलें दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर गया। उसका एक संवाद ...सत्य उतना ही नहीं होता है जितना हमे दिखाई देता है, काफी प्रभावशाली रहा वहीं दूसरी तरफ की पैर हमेशा पत्नी का ही क्यों फिसलता है। पति का क्यू नहीं, आग बहु को ही लगती है ननद को क्यू नही " इस प्रकार के चुटीले संवाद ने समाज की कुरीतियों को सामने लाया। अंत में विकास राय की दलील के सामने सत्य की जीत होती है और बी डी कपूर आत्महत्या कर लेता है और रामचंद्र को कैप्टन सूरज सिंह द्वारा फांसी की सजा दी जाति है। ब्रिगेडियर सूरज सिंह का ये संवाद की ...मेरे पास तुम्हे फांसी देने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है जिसे जवान रामचंद्र ने पूरे विश्वास के साथ स्वीकार किया। वो जानता था कि उसको न्याय मिला है। संजय कुमार लाल के निर्देशन में काफी सफल प्रस्तुति हुई। कैप्टन सूरज सिंह की भूमिका
रौशन प्रकाश, सलाहकार जज की भूमिका रिया जुन्नी, रितेशना राज, जज प्रथम की भूमिका शरद प्रभाकर, जज द्वीतीय नवनीत कुमार, मेजर पूरी ( निमेष कुमार), कैप्टन राय (कुमारी नीतू), रामचंद्र (संनीदेवाल), डॉक्टर गुप्ता (विकास ओरण) कप्तान बी डी कपूर (मोहित यादव) सूबेदार बलवान सिंह ( किरणमय महतो) मेजर रावत( सुभाष साहू), सिपाही (अमित कुमार), गार्ड (अमृत कुमार) और निर्देशन संजय कुमार लाल, प्रकाश ( स्वेतांग सागर) और ध्वनि (अवनीश पाठक) ने किया। प्रदर्शन उपरांत निर्देशक और कलाकारों को जिला भाजपा बेगूसराय के उपाध्यक्ष कुंदन भारती, रंगकर्मी ब्रजबिहारी मिश्र और सुनील राय शर्मा ने अंग वस्त्र से सम्मानित किया। मंच संचालन दीपक कुमार ने किया।