THN Network
राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा ने गांधी स्टेडियम में आयोजित योगाभ्यास में लिया भाग
BINOD KARN
BEGUSARAI: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्थानीय गांधी स्टेडियम में बुधवार को आयोजित योग शिविर में राज्यसभा सांसद प्रो राकेश कुमार सिन्हा ने भाग लिया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा योगाभ्यास शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों ने योग दिवस पर योगाभ्यास किया। कार्यक्रम की शुरुआत राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा व ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की देवी बहन बी के कंचन आदि अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस कार्यक्रम के दौरान योग के आठ अंग का विश्लेषण करते हुए यह स्पष्ट किए गया अभी तक योग के *चार आयामों ( 1) यम (2)नियम (3) आसन (4) प्राणायाम पर हम विशेष रूप से ध्यान देते हैं और अभ्यास भी करते हैं। परन्तु अन्य चार आयाम (5) प्रत्याहार (6) धारणा (7) ध्यान (8) समाधि इसका हम बहुत कम अभ्यास करते हैं।
ब्रह्माकुमारीज द्वारा भारत का प्राचीन राजयोग मेडिटेशन सिखाया जाता हैं जिससे मन की आंतरिक शक्तियां जागृत होती है। राजयोग हमें इंद्रियों का राजा अर्थात स्वामी बनाता है। ब्रह्माकुमारी कंचन बहन ने वर्तमान जीवन में अध्यात्मिकता से जुड़कर सकारात्मक सोच विकसित करने की एवं मेडिटेशन द्वारा मन की बैटरी चार्ज करने की विधि को बताया।
योगाचार्य ब्रह्माकुमार डॉ. अजय शंकर (भोला भाई) जी ने सभी को योग अभ्यास एवं सूर्य नमस्कार कराया।
भारत में जितनी योगधर्मिता है उतनी कहीं नहीं:प्रो राकेश सिन्हा
सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि योग को बढ़ावा देने में पतंजलि का अहम योगदान रहा है। भारत में जितनी योगधर्मिता है उतनी इस दुनिया में कहीं नहीं है। लोगों के अलग-अलग जीवनशैली की वजह से कई तरह की परेशानी होती हैं लेकिन योग से उस पर लगाम लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पतंजलि जी ने योग का अन्वेषण किया और पीएम मोदी जी ने इस योग को दुनिया तक पहुंचाने का काम किया। सबसे महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि अपने परंपरागत जीवन शैली के आधार पर जिसमें योग बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि भारत के राजनीतिक व्यवस्था में राहुल गांधी से लेकर तेजस्वी यादव तक योग से गायब है। यह दिखाता है कि जो गैर राजनीतिक विषय है जिसमें सहमति होनी चाहिए उसमें भी असहमति पैदा करते हैं। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि प्रत्येक दिन अनुलोम- विलोम करे, जिससे उसका मन मस्तिष्क ठीक रहे और भारत में रचनात्मक विपक्षी भूमिका निभा सके।
*अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अमेरिका में गए प्रधानमंत्री को लेकर प्रो. सिन्हा ने कहा
प्रधानमंत्री जी सिर्फ एक राजनीतिक नेता नहीं है जैसे सम्राट अशोक ने अपने सुपुत्र महेंद्र को और सुपुत्री संघमित्रा को विदेश भेजा था, भारतीय संस्कृति प्रचार प्रसार के लिए। वैसे ही नरेंद्र मोदी जी जब देश से बाहर जाते हैं देश की संस्कृति के राजदूत बनकर ही जाते हैं। पहली बार आधुनिक भारत में एक प्रधानमंत्री देश की अर्थव्यवस्था को, देश के कूटनीति के साथ-साथ वे संस्कृति को लेकर दुनिया में जाते हैं। जब जापान गए थे उन्होंने भागवत गीता दिया था। जब अरब के शेखों से मिले, राजा से मिले उन्होंने चुरामन मस्जिद का भेंट किया। बौद्ध धर्म का जहां जहां केंद्र है, वहां प्रधानमंत्री जाते हैं जो मुझे लगता है, कि भारत जो प्रयोग भूमि है, उसका एक चित्र विदेश में जाकर प्रधानमंत्री अपने भाषण से अपने व्यवहार से और अपने संवाद से अभिव्यक्त करते हैं।
इस मौके पर डॉ. नलिन रंजन सिंह,, डॉ कांति मोहन सिंह, प्रो. आशा बहन, विनोद हिसारिया, सामाजिक कार्यकर्ता विश्व रंजन सिंह उर्फ राजू भैया, भाजपा नेता राम कल्याण सिंह, नवीन कुमार आदि ने भी योगाभ्यास में भाग लिया।