THN Network (Desk):
लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष, दोनों की अहमियत बराबर की होती है। एक के बिना दूसरे का कोई महत्व नहीं है। बिहार विधानसभा में यह बात सच साबित होती दिखी। भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती को बयान करने वाला एक वाकया हुआ, जिसकी सबने सराहना की। दरअसल, बुधवार को बिहार विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही भाजपा ने सदन का बहिष्कार कर दिया। भाजपा अपने दो विधायकों को निलंबित करने को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रही थी। सदन की प्रथम पाली में राजद और भाजपा विधायकों के बीच हाथापाई तक हो गई, जिसके बाद मामला और बढ़ गया।
सदन के प्रथम पाली की कार्यवाही बिना विपक्ष के ही चली। दूसरी पाली में भी भाजपा के विधायक सदन में नहीं पहुंचे। इसके बाद मंत्री विजय चौधरी ने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष से कहा कि विपक्ष यानी भाजपा की गैरहाजिरी से सदन सूना लग रहा है। बगैर विपक्ष के सदन कैसे चलेगा। उनसे यहां आने का आग्रह करना चाहिए।
कांग्रेस विधायक भाजपा सदस्यों को बुलाने गए
इसके बाद सदन के अंदर से ही आसन यानी बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने भाजपा से सदन में आने की अपील की। उन्होंने कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा को भाजपा विधायकों को सदन में मानकर लाने की जिम्मेदारी सौंपी। कांग्रेस विधायक गए और भाजपा विधायकों को मनाया।