THN Network (Desk):
BINOD KARN
BEGUSARAI: Ganga Global Institute of Teacher Education एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उत्तर बिहार के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर मंगलवार को विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संगीत शिक्षिका सुशीला कुमारी के निर्देशन में गुड़िया कुमारी, अंकिता कुमारी, कुमारी काजल, जूली कुमारी ने मातृभाषा में समूह गीत प्रस्तुत किया- मुनिया जे हमारी बेटियां गए बहिनियां... बतिया सुनिए ल लेके धियान...।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्राचार्य डाॅ. नीरज कुमार ने कहा कि मातृभाषा हमें पहचान दिलाती है। इससे समाज में प्रगाढ़ता बढ़ती है। राज्यों एवं देश के विभाजन में एक कारण मातृभाषा भी रहा है। उद्घाटन के पश्चात् वक्ताओं ने मैथिली, अंगिका, मगही, तथा भोजपुरी में अपनी बात विचार गोष्ठी में रखा।
मातृभाषा में बोलने वाले को कम पढ़ा-लिखा समझना बड़ी भूल : परवेज यूसुफ
विचार गोष्ठी का शुभारंभ प्रो. परवेज़ यूसुफ़ ने किया। उन्होंने कहा कि हमें मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए। ये नहीं समझना चाहिए कि मातृभाषा में बोलने वाला कम पढ़ा-लिखा है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में बोलने वाले को कम पढ़ा-लिखा समझना बड़ी भूल होगी। उन्होंने कहा कि कुतुबपुर के लोक कलाकार भिखारी ठाकुर ने अपना नाटक मातृभाषा में किया। मातृभाषा में अपनी बात कहने के लिए ही उन्हें भोजपुरी का शेक्सपीयर कहा गया।
प्रो. सुधाकर पांडेय ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा ही मजबूत कर सकती है। प्रो. अंजली ने कहा कि आज हजारों मातृभाषा दुनियां से विलुप्त होने के कगार पर है। मातृभाषा में बोलने से लोगों को लगता है मैं पढ़ा- लिखा नहीं हूं। प्रो. बिनोद कुमार ने कहा कि आज भी अपनों से मातृभाषा में ही बात करता हूं। मातृभाषा को बचाने की जरूरत है। डाॅ. कामायनी कुमारी ने कहा कि भाषा का संबंध माता से है। बच्चों के सर्वांगीण विकास में मातृभाषा सहायक है। डाॅ. अनीथा एस ने कहा कि अलग-अलग मातृभाषा के बाद भी यह राष्ट्रीय एकता में सहायक है। प्रो. अमर कुमार ने शारदा सिन्हा का लोक गीत की पंक्तियाँ प्रस्तुत किया।
अंत में सुशीला कुमारी ने मैथिली में लोक गीत हमरा न चाही चारो धाम मिथिले में रहवै... से किया। गोष्ठी में प्रशिक्षु विक्की कुमार और मंटुन कुमार ने भी अपनी बातों को रखा। इस अवसर पर तकनीकी सहायक प्रकाश सिन्हा तथा कार्यालयकर्मी मनीष कुमार उपस्थित थे। मंच संचालन प्रो. परवेज़ यूसुफ़ ने किया।
सत्र 2022-24 के प्रशिक्षुओं ने आब्जर्वेशन
में गये और उन्होंने विभिन्न विद्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया।