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बिहार में शराबबंदी कानून पर जेडीयू के विधायक ने सवाल उठाया है. मंगलवार को जेडीयू विधायक संजीव सिंह (JDU Sanjeev Singh) ने शराबबंदी को अत्याचारी कानून बताया. उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत चार लाख लोगों पर केस दर्ज हुआ और जेल भेजा गया. इसमें से 90% दलित महादलित, गरीब थे. पुलिस जानबूझकर दलित, महादलितों पर शराबबंदी कानून के तहत अत्याचार कर रही है. बिहार के डीजीपी (DGP Bihar) बहुत सुस्त हैं. अच्छे से अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे. गलती डीजीपी की भी है.
पुलिस प्रशासन सुस्त
आगे संजीव सिंह ने कहा कि शराबबंदी कानून को पुलिस वाले ही फेल कराने पर लगे हुए हैं. संजीव सिंह ने शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि आए दिन शराब मिलने की खबरें आती हैं. जहरीली शराब से लोग मरते हैं. शराब बंदी कानून के तहत अत्याचार न किया जाए. इसको क्रिमिनल ऑफेंस से हटाकर सिविल ऑफेंस में लाया जाए. कम जुर्माना का सिस्टम लाया जाए. गरीब तबका जुर्माना के तौर पर ज्यादा पैसे नहीं दे पाते इसलिए उन लोगों को जेल भेज दिया जाता है. अमीर लोग आराम से पैसा देकर छूट जाते हैं. नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है. जो नियम कानून चला आ रहा है वो ठीक नहीं है. इसमें महादलित दलित प्रताड़ित हो रहे हैं. इसका ध्यान रखना चाहिये.
पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा कि पुलिस वालों पर भी नजर रखनी चाहिए. बता दें कि नीतीश सरकार खासकर जेडीयू के नेता शराबबंदी को नीतीश का ऐतिहासिक निर्णय मानते हैं. गृह मंत्रालय भी नीतीश के पास है, लेकिन जेडीयू के विधायक शराबबंदी एवं पुलिस पर ही सवाल उठा रहे हैं. अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी लागू है इसके बाद भी शराब मिलने व शराब पीकर मरने की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं. जेडीयू के विधायक ने खुद इसकी खामियां कबूल की है.