THN Bureau
PATNA : नगर निकाय चुनाव को लेकर बिहार सरकार को अंततः पटना हाईकोर्ट का आदेश मानना पड़ा। सरकार हाईकोर्ट के 4 अक्टूबर के आदेश के मुताबिक नगर निकाय चुनाव कराने को तैयार हो गई है। सरकार ने पटना हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को आश्वस्त किया कि अब निकाय चुनाव ट्रिपल टेस्ट के बाद ही होंगे।
राज्य सरकार ने राजनीतिक पिछड़ेपन का पता लगाने के लिए विशेष कमिशन गठित करने के फैसले के बारे में कोर्ट को लिखित हलफनामा दिया है। सरकार ने कहा कि विशेष आयोग की रिपोर्ट आने के बाद वह राज्य चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंप देगी। इसके बाद चुनाव आयोग उक्त रिपोर्ट के आधार पर नए सिरे से सीटों का आरक्षण रोस्टर तैयार कर चुनाव कराएगी। सरकार के इस हलफनामे पर पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की बेंच ने सहमति जताते हुए सरकार के रिव्यू पेटिशन को मंजूरी दे दी है।
दरअसल बिहार सरकार ने दो दिन पहले पटना हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर निकाय चुनाव को लेकर कोर्ट से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। सरकार ने कोर्ट का रूख भांपते हुए 4 अक्टूबर के कोर्ट के आदेश को मानते हुए अति पिछड़ा वर्ग आयोग गठित करने की जानकारी कोर्ट को दी और कहा कि वह कोर्ट के आदेश के मुताबिक आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही चुनाव करवाएगी। लिहाज़ा इस पुनर्विचार याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और सरकार से आदेश के मुताबिक चुनाव कराने की सहमति दे दी।
माना जा रहा है कि आज के आदेश के बाद सरकार जल्द से जल्द अति पिछड़ा वर्ग आयोग से रिपोर्ट तैयार कराकर चुनाव आयोग को सौंप देगी और फिर नए सिरे से सीटों का आरक्षण रोस्टर तैयार कर चुनाव कराया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इस पूरी कवायद में कम से कम दो महीने लग सकते हैं। सरकार दिसंबर के अंतिम हफ्ते तक चुनाव कराना चाह रही है।