BINOD KARN
BEGUSARAI: जी हां! मटिहानी के विधायक राज कुमार सिंह का नाम वैसे तो राज कुमार है लेकिन क्षेत्र में मेहनत मजदूर की तरह करते हैं। विधानसभा क्षेत्र के लोगों के मुसीबत के समय दिमागी कसरत भी करते हैं और अपने संपर्क का लाभ भी लोगों को दिलाते हैं।
हम बात कर रहे हैं रिफाइनरी ओपी क्षेत्र के चकबल्ली गांव के ग्रामीण चिकित्सक विवेक कुमार (32) की बरौनी रिफाइनरी पाइप लाइन के गड्ढे में 23 सितंबर की देर शाम डूबने से हुई मौत की। विधायक राज कुमार के प्रयास से कबीर अंत्येष्टि योजना से 20 हजार रुपये 24 सितंबर को आश्रित को ही मिल गया था। बाद में विधायक ने पहल कर मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख की सहायता प्रदान कराई। लेकिन वे यही पर नहीं रुके। पाइप लाइन बिछाने में लगी कंपनी "गेल" कंपनी पर भी सहायता के लिए दबाव बनाया और उनका प्रयास रंग लाया।
7 अक्टूबर को "गेल" के बिहार के चीफ मैनेजर एजार खान 16 लाख रुपये का चेक प्रदान करने चकबल्ली गांव पहुंचे। उन्होंने मृतक के पत्नी नैन्सी देवी को उक्त चेक सौंपा। इस मौके पर मटिहानी के विधायक राज कुमार सिंह भी मौजूद थे। विधायक उस समय भी पहुंचे थे जब विवेक के शव को लेकर लोग 24 सितंबर को मुआवजे को लेकर हंगामा कर रहे थे। उन्होंने लोगों से वादा किया था कि विवेक के आश्रितों को मुआवजा दिलाने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। तब से वे इस प्रयास में लगे हुए थे। खास बात यह है कि एक पखवाड़े के भीतर ही उन्हें सफलता मिल गई।
बताते चलें कि परिवार को चलाने के लिए विवेक इकलौता कमाने वाला था। विवेक की मौत के बाद उनकी बेटी एक 9 साल व दूसरी 7 साल के परिवरिश का जिम्मा गृहणी नैन्सी देवी पर आ गई थी। अब "गेल" से 16 लाख का चेक मिलने से विवेक के आश्रितों को बड़ी राहत मिलेगी।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि "गेल" के इम्पलाई को कंपनी की ओर से दुर्घटना में मौत पर 3 लाख व ननइम्पलाई को 1.5 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है। लेकिन विधायक राज कुमार ने बीमा कंपनी में क्लेम कराया। परिणाम स्वरूप इतनी बड़ी रकम की सहायता मिल सकी।