Chhath Puja Arghya in Bihar Live: लोक आस्था के महापर्व छठ का रंग पूरे बिहार में देखने को मिल रहा है। खरना के बाद रविवार को छठ का तीसरा दिन रहा। व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। जबकि 31 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रति खरना के बाद से ही 36 घंटे का निर्जला उपवास करते हैं। पटना समेत बिहार के अन्य जिलों के घाटों पर छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर की उपासना की। अर्घ्य को लेकर पटना समेत अन्य घाटों पर सरकार की तरफ से खास व्यवस्था की गई है। वहीं सीएम नीतीश कुमार ने अपने आवास पर भगवान सूर्य को जल चढ़ाया।
बड़ी संख्या में घाट पर पहुंचे व्रती
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए थोड़ी संख्या में व्रती घाट पर पहुंचे। पटना के गंगा घाटों पर व्रतियों के पहुंचने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। दउरा लेकर छठ व्रती और उनके परिजन घाट पर छठ गीत गाते हुए गए
छठ मइया की भक्ति में डूबे तेज प्रताप
राबड़ी आवास पर इस बार छठ पर्व नहीं हो रहा है। लेकिन लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव छठी मइया की भक्ति में डूबे दिखे। उन्होंने पैतृक गांव फुलवरिया में खरना का प्रसाद खाया। घाटों का निरीक्षण भी किया।
खरना के बाद अर्घ्य की तैयारी
गंगा के घाटों पर काफी संख्या में व्रती पहुंचे। दीघा घाट के आसपास रहने वाली महिला व्रती पैदल ही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नदी के तट पर पहुंच रही थीं। इस दौरान वे छठी माई की गीत गा रही थीं। गंगा तट पर पहुंचने पर सबसे पहले व्रतियों ने आम की दातुन से मुंह धोया। उसके बाद नदी के पानी में स्नान करने का सिलसिला शुरू हुआ। दोपहर में नदी में स्नान के दौरान हर-हर गंगे एवं हर-हर महादेव की जय-जयकार से पूरा वातावरण गूंज उठा। स्नान करने के बाद व्रतियों ने भगवान भास्कर को जल अर्पित किया। इसके बाद तट पर स्थित मंदिरों में व्रतियों ने पूजा-अर्चना की। शाम को घरों में व्रतियों ने रोटी एवं खीर का प्रसाद बनाया। उसके बाद पूजा-अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया। इसके उपरांत परिवार के अन्य सदस्यों ने प्रसाद लिया।