समस्तीपुर में एक दलित युवक को मौलाना और सैकड़ों मुसलमानों की भीड़ की ओर से 5 बार थूक चटवाने का मामला अब गर्म होता जा रहा है। बीजेपी का कहना है कि बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन ने मामले को दबाने की पूरी कोशिश की थी। बीजेपी का कहना है कि घटना 19 अक्टूबर को घटी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकार के दबाव में मामले को दबा दिया था।इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने कहा कि समस्तीपुर में सैकड़ों मुसलमानों के बीच में मौलाना ने दलित युवक को पांच बार थूक चटवाया। मामला सोशल मीडिया के जरिए वायरल हुआ तब जाकर पुलिस और सरकार हरकत में आई। सरकार इस मामले में कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रामसागर सिंह ने आरोप लगाया कि इस मामले में हुई अब तक हुई कार्रवाई से स्पष्ट हो जाता है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार का नेतृत्व नीतीश कुमार के हाथ में नहीं, बल्कि सरकार को मुख्य सचिव अमीर सुबहानी चला रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले नीतीश कुमार को यह लगता है कि ऐसा करने से मुसलमान उन्हें वोट देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता भी अब कंफ्यूज हो गई है कि सरकार नीतीश कुमार चला रहे हैं या उनके चहेते मुस्लिम अधिकारी अमीर सुबहानी।बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार को आतंकियों के सेफ जोन बनाने का श्रेय वर्तमान मुख्य सचिव अमीर सुबहानी को जाता है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग यह जानते हैं कि अमीर सुबहानी आतंकियों को न सिर्फ बचाने का काम करते हैं, बल्कि बिहार में उन्हें पनाह भी देते हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि 2013 में पटना के गांधी मैदान में सीरियल बम ब्लास्ट हो या अन्य आतंकी घटना सभी में आतंकियों के प्रति अमीर सुबहानी का सॉफ्ट कॉर्नर सामने आया था। उन्होंने कहा कि हाल ही में बांका में मदरसा बम ब्लास्ट और दरभंगा रेलवे स्टेशन पर केमिकल ब्लास्ट मामले को भी अमीर सुबहानी के दबाव में सरकार ने दबाने की कोशिश की थी।