केदारनाथ धाम में बार-बार हिमस्खन का क्या है संकेत? 15 दिन में कई बार बजी खतरे की घंटी kedarnath-dham
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केदारनाथ धाम में बार-बार हिमस्खन का क्या है संकेत? 15 दिन में कई बार बजी खतरे की घंटी kedarnath-dham

 


केदारनाथ धाम में पंद्रह दिन के भीतर दो बार हिमस्खलन की घटना ने सरकार को चिंता में डाल दिया। सरकार ने हिम स्खलन प्रभावित क्षेत्र के सर्वेक्षण और जमीनी अध्ययन के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है।

यह कमेटी तत्काल केदारनाथ जाकर क्षेत्र संभावित खतरों का अध्ययन करेगी। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक समिति के सदस्य सचिव होंगे। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन सविन बंसल ने शनिवार को समिति गठन के आदेश दिए।

बंसल के अनुसार भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग, आईआईटी-रुड़की, वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के प्रतिनिधि इस समिति में बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं। इन संस्थानों के उप महानिदेशक और निदेशकों को प्रतिनिधि नामित करने के निर्देश दिए गए हैं।सरकार का मानना है कि हिम स्खलन से फिलहाल कोई नुकसान नहीं हुआ है।  लेकिन जिस प्रकार पंद्रह दिन के भीतर दो बार हिमस्खलन हुआ है, वह कुछ चिंताजनक है। इसे देखते हुए क्षेत्र में संभावित खतरों का आंकलन करना जरूरी है।

दो बार हो चुका है हिम स्खलन

आज सुबह 5.30 से छह बजे के बीच केदारनाथ मंदिर के पीछे छह से सात किलोमीटर की दूरी पर अचानक ही आंशिक हिम स्खलन हुआ था। इसकी वजह से कोई नुकसान नहीं हुआ है और मंदाकिनी व सरस्वती नदी का जल स्तर भी सामान्य है। इससे पहले 22 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे  मंदिर से करीब तीन से चार किलोमीटर पूछे पहाड़ी पर इसीप्रकार हिम स्खलन हुआ था।

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