THN Network
मोतिहारी। मोतिहारी में घोड़ासहन बाजार के लोग शुक्रवार की रात सुहाने सपनों संग शनिवार की सुबह सुहानी हो, इसी उम्मीद के साथ सो रहे थे। हालांकि, जन उम्मीदें तब टूटकर बिखर गईं, जब सुबह सबेरे बीच बाजार यानि घोड़ासहन के ढाला रोड स्थित एक घर से चीखने-चिल्लाने की आवाज के साथ काला धुआं उठता दिखाई दिया।
घर से उठता धुंआ देख जो जहां था वहीं से दौड़ा। घर में आग की लपटों के बीच घिरे परिवार के पांच सदस्यों को निकालने की कोशिशें शुरू हुईं, लेकिन तमाम कोशिशों के बीच पति-पत्नी व बहन ने पलक झपकते दम तोड़ दिया।
बेटे-बहू और बेटी की मौत, जिंदगी की जंग लड़ रहे माता-पिता
परिवार के मुखिया सुबोध पंडित (45) व उनकी पत्नी शोभावती देवी (40) जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। इस बीच उनके पुत्र रोशन कुमार (28), पुत्रवधू सविता देवी (250रोशन की पत्नी) व पुत्री शालू (16) ने दम तोड़ दिया। तीनों की मौत की सूचना अभी माता-पिता को नहीं मिली है।
इस बीच दोनों अपने बच्चों की अस्पताल के बेड पर खोज रहे हैं। जो जा रहा, सभी से एक सवाल- रोशन कहां हैं? शेष बच्चे कहां हैं....? हर आदमी एक ही जवाब दे रहा सबका इलाज चल रहा है।
...सबकुछ खत्म हो गया
इन सबके बीच सदर अस्पताल में इलाजरत रोशन की मां शोभावती देवी बेड पर अचानक से बेचैन हो जाती हैं और अपने बच्चों को ढूढने लगती हैं। वह कहती हैं 'सुबह छह बजे नींद खुलल। आंख खुलते देखनी कि घर जल रहल बा....। चाबी ना मिलत रहे। जैसे-तैसे घर से बाहर निकलनी स, लेकिन तबतक त सबकुछ जल गेल। अब हमरा लगे कुछो नइखे बाचल ...। खरना के समय घरे आइल रहनी, काठमांडू जाएके रहे। उहवां पहुंचे से पहले ही इ घटना हो गइल।'
पिता को कैसे दें बेटे-बहू और बेटी के मौत की सूचना?
इस हृदय विदारक घटना की जानकारी से पुत्र-पुत्री व पुत्रवधू के मौत की सूचना से सुबोध व उनकी पत्नी को वंचित रखा गया है। बताते हैं कि दोनों की हालत गंभीर है। इस स्थिति में उन्हें तीन बच्चों की मौत की सूचना से वंचित रखा गया है। हालांकि, दंपती बार-बार अपने बच्चों को ढूंढ रहे हैं। उन्हें बस इतना बताया जा रहा है कि बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
आग की लपटों ने बुझा दिया घर का चिराग
सुबोध पड़ित के घर में लगी आग की लपटों ने घर को इस कदर घेरा कि घरवालों को बाहर निकलने का भी मौका नहीं मिला। सुबोध छत के रास्ते कूदे। वहीं, उनकी पत्नी आग की लपटों से होकर निकली। जबकि पुत्र रोशन, बहू सविता व पुत्री शालू तीनों वक्त पर नहीं निकल पाए और उनकी मौत हो गई।
ग्रामीणों के मुताबिक, सुबोध को एक ही पुत्र था रोशन। दो पुत्रियां थी उनमें से बड़ी शकुंतला की शादी कर दी थी। जबकि छोटी बेटी अभी सोलह साल की थी। घटना के बाद स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन की सुविधा न होने पर भड़के लोग
शनिवार का दिन सुबोध पडिंत के लिए अमंगलकारी रहा। उनका हंस्ता-खेलता परिवार उजड़ गया। उनके परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बाद इलाके में कोहराम मचा है।
घटना के बाद इलाज के लिए जब झुलसे लोग घोड़ासहन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाए गए तो, वहां की कुव्यवस्था को देख आक्रोशित हो गए। लोगोंं के तल्ख तेवर को देखते हुए चिकित्सक एवं अन्य सभी हॉस्पिटल कर्मी थाने में जाकर छिप गए।
सीओ को झेलना पड़ा लोगों का आक्रोश
घटनास्थल पर पहुंचे अंचलाधिकारी को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना था कि यदि हास्पिटल में आक्सीजन व अन्य इमरजेंसी दवा होती तो घटना के शिकार लोगों को तत्काल आक्सीजन मिल जाता और उनकी जान बचाई जा सकती थी। लोगों ने कहा- अस्पताल की व्यवस्था को ठीक करने की दिशा में पहल होनी चाहिए।