बयानों के पटाखे नहीं फुलझड़ी छोड़े गिरीराज, हरित खाद पर बैठक में जीविका दीदियों की सुनी बातें
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बयानों के पटाखे नहीं फुलझड़ी छोड़े गिरीराज, हरित खाद पर बैठक में जीविका दीदियों की सुनी बातें

THN Network



बेगूसराय:
यूं तो जीविका से संबद्ध प्रगतिशील कृषक, जीविका दीदी एवं गंगा कृषि पशुपालक किसानों की संयुक्त बैठक दिनकर कला भवन में 30 अक्टूबर को बुलाई गई थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री सह श्रेत्रीय सांसद गिरीराज सिंह ने इसे सेमिनार का रूप दे दिया। हिन्दू सम्राट कहे जाने वाले गिरीराज के भाषण में आज हिन्दू - मुस्लिम पर चर्चा के पटाखे तो नहीं छुटे, लेकिन फुलझड़ी छोड़ने से बाज नहीं आए। मसलन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर उन्होंने जीविका दीदी से कहा कि वैसे तो अपनी बात सुनाने के लिए बुलाया जाता रहा है लेकिन वे आपकी बात सुनने आए हैं। उन्होंने बैठक की शुरुआत भी हरित खाद बनाने वाली जीविका दीदियों से की। जीविका दीदी व प्रगतिशील किसानों से हरित खाद बनाने से लेकर उसके बिक्री व फसल की उपज की बढ़ोत्तरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

बेगूसराय को रासायनिक खाद मुक्त बनाने का है लक्ष्य, बैंक ऋण, कल्चर लैब व प्रोप की मिलेगी सुविधा: गिरीराज

केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा है कि उनका लक्ष्य बेगूसराय को रासायनिक खाद के उपयोग से मुक्त बनाने का है। अगर मुक्त नहीं भी हो तो न्यूनतम उपयोग हो। उन्होंने कहा कि हरित खाद का उपयोग जहां लाभकारी है वहीं स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। उन्होंने कहा कि थर्मल के फ्लाईऐस ऐसे तत्व हैं जो मिट्टी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। वह तना को भी मजबूत बनाता है और फल को भी बढ़ाता है। उन्होंने मौके पर ही एमएलसी सर्वेश कुमार व्दारा उठाई गई मांग पर यूनाइटेड बैंक के जोनल मैनेजर से बात कर बैंक ऋण, कल्चर लैब व प्रोप की समस्या का समाधान कराया। बैंक अब हरित खाद बनाने के लिए ऋण तो देगी ही साथ में कल्चर लैब व प्रोप के लिए भी पूंजी निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि हरित खाद को अपना कर किसान व जीविका दीदी कम से 8-10 हजार रुपये मासिक आमदनी हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि लीज पर खेती करने वाले मनटुन साल में 20-25 लाख क्या सकते हैं तो आप क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को हरित खाद बनाने वाले किसानों व जीविका दीदियों कोउचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने को कहा।

किसानों व गरीबों की आमदनी बढ़ाने में गिरीराज की भूमिका मीडिया करती है आउट: सर्वेश कुमार

दरभंगा स्नातक क्षेत्र से एमएलसी सर्वेश कुमार ने कहा कि गिरीराज सिंह ने पशुपालन से लेकर हरित खाद बनाने की क्रांति का संचार किया है लेकिन मीडिया इसे कम और दूसरी बातों को ज्यादा फोकस करती है। उन्होंने कहा कि हरित खाद को गिरीराज सिंह ने तीन वर्ष पूर्व जिले में लाया। वे प्रणेता व प्रशिक्षक दोनों ही भूमिका को निभाते रहे। उन्होंने खुद गिरीराज सिंह के मार्गदर्शन में छह टन हरित खाद बनाए हैं और उपयोग भी किया है। उन्होंने कहा कि लोकल रिसोर्स के रूप में फ्लाईऐस व गोबर यहां उपलब्ध है। कल्चर लैब व प्रोप बनाने की सुविधा गिरीराज सिंह को जिले में उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में अभी एक लाख 36 हजार टन यूरिया की खपत है। हरित खाद का उपयोग कर हमें इसे महज 10 प्रतिशत तक ला सकते हैं। अभी यूरिया को 50 हजार टन खपत तक लाने के लक्ष्य को लेकर हम चल रहे हैं। उन्होंने रासायनिक व हरित खाद के उपयोग, बाजार व स्वास्थ्य के क्षेत्र में तुलनात्मक लाभ का डाटा भी पेश किया।

बैठक को संबोधित करने वालों में शामिल

नगर विधायक कुंदन कुमार, सांसद प्रतिनिधि अमरेन्द्र कुमार अमर, यूनाइटेड बैंक के जोनल मैनेजर परासर, जिला कृषि पदाधिकारी, जीविका के प्रबंधक अविनाश कुमार, गंगा ग्लोबल एमबीए काॅलेज के प्रो. अभिजीत कुमार, एनटीपीसी बाढ़ के डीजीएम अभिषेक कुमार व बरौनी एनटीपीसी के केएन मिश्रा,  प्रगतिशील कृषक सुनील कुमार सिंह उर्फ मुन्ना, मनटुन, जीविका दीदियों में रीता देवी, उर्मिला देवी, मीना देवी आदि।

कैसे तैयार होता है हरित खाद

सौ किलो गोबर, सौ किलो फ्लाईऐश और 10-10 किलो डीएपी और पोटाश डाल कर एक ढेर बनाया जाता है। उसे गोबर व मिट्टी के लेप से ढक दिया जाता है। लेप में दरार नहीं हो इसके लिए ध्यान देना होता है ताकि गैस बाहर नहीं निकल सके।
लेप में 20-25 जगह छेद कर बैक्टीरिया का कल्चर डाला जाता है। इसके अगले 14-15 दिनों में खाद तैयार हो जाता है।



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