एपीआई ने आईएमए रत्न डॉ. एसके लाल को किया लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित
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एपीआई ने आईएमए रत्न डॉ. एसके लाल को किया लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित

THN Network (Desk): 




एपीआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बीबी ठाकुर ने कहा डॉ एसके लाल बेगूसराय के ही नहीं चिकित्सा जगत के 'लाल'


एपीआई के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने कहा एपीआई व आईएमए दोनों को मजबूत करने में डॉ. एसके लाल की अहम भूमिका


BINOD KARN

BEGUSARAI: एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन, इंडिया (एपीआई) व्दारा रविवार को बेगूसराय के प्रसिद्ध चिकित्सक व आईएमए रत्न से सम्मानित हो चुके डॉ. एसके लाल को आज 5 मार्च 23 को लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। एपीआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बीबी ठाकुर ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।  इस मौके पर एपीआई के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. बीबी ठाकुर ने कहा कि डॉ एसके लाल बेगूसराय के ही नहीं चिकित्सा जगत के 'लाल' हैं। उन्होंने कहा कि डॉ लाल देश प्रेम से प्रभावित होकर विदेश में मिली एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी को त्याग कर दिया था। उन्होंने कहा कि लोग डाक्टर को सचमुच में देवता मानते हैं, इसे उन्होंने महसूस किया। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसे भी दौर देखें हैं जब लोग श्रद्धा से चावल, दाल, फल और सब्जियां इतना दे जाते थे कि कुछ खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती थी। लेकिन कुछ लोगों ने चिकित्सा के क्षेत्र को जब व्यवसाय बना दिया तो लोगों के विचार में बदलाव आया है। लेकिन आज भी ऐसे चिकित्सकों की कमी नहीं जो चिकित्सा को धर्म मानते हैं व्यवसाय नहीं।


इस मौके पर एपीआई के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ कमलेश तिवारी ने कहा कि डॉ एसके लाल ने आईएमए व एपीआई को मजबूत करने का काम किया है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी इनका बड़ा योगदान रहा है। इनके जूनियर चिकित्सकों ने जब कभी भी कोई सलाह मांगी तो वे उचित मार्गदर्शन देते रहे।

इस मौके पर डॉ एसके लाल ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में आज बड़ा बदलाव आया है और सुविधा भी बढ़ी है। जब उन्होंने बेगूसराय के सदर अस्पताल में योगदान दिया था तो बिजली की ऐसी स्थिति थी कि हाथ पंखा का सहारा ड्यूटी के दौरान लेनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने जब स्वदेशी व गांव चलो का नारा दिया तो उसका प्रभाव मेरे उपर पड़ा, फिर विदेश की नौकरी छोड़ कर स्वदेश लौट आए।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे एपीआई के जिला अध्यक्ष डॉ विनय कुमार ने कहा कि डॉ एसके लाल की लंबी उम्र व सेहत को ध्यान में रखते हुए समारोह स्थल को इनके आवास पर रखा गया है ताकि उन्हें कोई परेशानी नहीं हो। इस मौके पर आईएमए के जिला अध्यक्ष व प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ एके राय, सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार सिंह, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ नलिनी रंजन सिंह, डॉ केके सिंह, डॉ शशिभूषण प्रसाद सिंह, सर्जन डॉ एस पंडित, आईएमए के पूर्व जिला सचिव व ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ रंजन कुमार चौधरी, डॉ एके गुप्ता, डॉ रामप्रवेश सिंह आदि ने डॉ एसके लाल के जीवनी पर प्रकाश डाला। इस मौके पर डॉ कांति मोहन सिंह, डॉ रामश्रय सिंह, डॉ राहुल कुमार डॉ राजीव लाल, डॉ मुरारी मोहन सिंह, डॉ धीरज कुमार, डायटिशियन सुजाता लाल सहित दर्जनों चिकित्सक मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन एपीआई के जिला सचिव डॉ प्रभाकर ठाकुर ने किया।


बताते चलें कि 82 वर्षीय डॉ एसके लाल 1955 में एमबीबीएस की डिग्री डीएमसीएच, दरभंगा से हासिल की। इसके बाद डीपीएम एंड एच यूके के इडिनबर्ग से 1962 में दाखिला लेकर किया तो इसी यूनिवर्सिटी से 1964 में एमआरसीपी किया था। स्वदेश लौटने पर बेगूसराय के सदर अस्पताल में पहली पोस्टिंग हुई। तबसे बेगूसराय के होकर ही रह गए।

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