THN Network (Desk):
Ashwani Srivastava
New Delhi : PM Narendra Modi आज संसद में खूब गरजे और बहुत देर तक विपक्ष को खरी- खरी सुनाते रहे। लेकिन....... अदानी पर मच रहे हंगामे के कारण संसद में सफाई देने के लिए विपक्ष द्वारा मजबूर किए जाने के बावजूद अदानी का नाम तक नहीं लिया... और न ही अदानी मसले पर एक शब्द बोले !!!
यानी विपक्ष का तीर निशाने पर लगा है और मोदी नहीं चाहते कि अदानी पर कोई बात भी हो. उनकी भाव- भंगिमा से यह साफ नजर आया कि विपक्ष (फिलहाल केवल कांग्रेस) जिस तरह अदानी पर मोदी को घेर रहा है, उस मोर्चे पर पहली बार उन्हें करारी चोट महसूस हो रही है.
2024 में चुनाव है और मोदी जी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि विपक्ष अदानी को छोड़कर उन्हीं मसलों पर जवाबदेही यानी रक्षात्मक भूमिका में आ जाए, जिस पर एक के बाद एक चुनाव मोदी जी ने बड़ी ही आसानी से जीते हैं... अर्थात देशभक्ति, हिंदुत्व, मंदिर- मस्जिद, हिन्दू- मुसलमान, कश्मीर, आतंकवाद, सेना, पाकिस्तान, इतिहास, नेहरू परिवार-कांग्रेस आदि.
इनमें से हर एक मुद्दा ऐसा है, जिसमें राहुल गांधी हों अथवा किसी अन्य विपक्षी दल का कोई भी नेता, मोदी के सामने सब चूरन ही नजर आते हैं.
मोदी इन मसलों को जब अपने ओजस्वी भाषणों में भावनाओं का तड़का लगाकर उठाते हैं तो हर चुनाव उनके लिए हंसी- खेल बन जाता है, जिसमें रक्षात्मक भूमिका अपनाकर हर विपक्षी नेता खुद ही अपने खेमे में गोल कर देता है... लिहाजा मोदी जीत जाते हैं.
पहली बार ऐसा हुआ है कि अदानी मसले पर मोदी रक्षात्मक खेलने पर मजबूर किए जा रहे हैं. मोदी जानते हैं कि अदानी मसले पर वह कुछ भी बोलेंगे, वह उनके ही खिलाफ जाएगा और सेल्फ गोल हो जाएगा.
इसी घबराहट में मोदी इस पुरजोर कोशिश में हैं कि अदानी पर बात होने की बजाय वापस उन्हीं मुद्दों पर बात होनी शुरू हो, जिसमें विपक्ष रक्षात्मक होता है और मोदी हमलावर. लेकिन लगता है कि बाकी विपक्षी दल भले ही अभी तक न समझ पाए हों लेकिन कांग्रेस यह अच्छी तरह से समझ चुकी है कि मोदी को हराना है तो 2024 में अदानी ही प्रमुख मुद्दा होने चाहिए.
यदि बाकी विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर कांग्रेस की ही तरह हमलावर हो गए तो कोई बड़ी बात नहीं कि चुनाव आते- आते विपक्ष मोदी को चौतरफा घेर कर उनके भाषणों में से वह ओज ही खत्म कर दे, जिसके लिए मोदी अभी तक जाने जाते हैं.