बिहार डेस्क (THN Network)
अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भगवान हर बार अवतार लेकर हमसबों की इच्छा पूरी करने आते हैं। इच्छाएं तो बहुत मन में आती हैं, लेकिन संतों ने बताया है होइए वही जो राम रचि राखा। इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए हमें भी अपना कर्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्य को पाना है, तो कर्म करना होगा। जत्थेदार जी ने कहा कर्म के साथ जप भी करो, मन में राम को रखो।
भागवत ने कहा कि धर्म समाज को जोड़ कर रखने वाला। सबको सुख की अनुभूति देने वाला है। उन्होंने कहा कि किसी से डर के कर्म नहीं करो। धर्म का पालन मन से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जप करने में मैं का आभास नहीं रहता। सर्वत्र का आभास होता है। जप के लिए हिमालय पर नहीं जाना है। मन को अयोध्या बनाओ।
भारत पूरे विश्व के लिए लेता है सांस
चिदानंद स्वामी ने कहा कि भारत केवल अपने लिए सांस नहीं लेता, पूरे विश्व के लिए सांस लेता है। स्मार्ट फोन के जमाने में ऐसा न हो कि मां बाप भी हमारे कवरेज से बाहर हो जाएं, बच्चो को संस्कार दीजिए। हमें धरती के लिए संकल्प लेना है। सभी लोग पेड़ लगाएं, सिंगल उसे प्लास्टिक से बचें, जल का संचयन करने का संकल्प लें।
अब याचना नहीं अब रण होगा
स्वामी राम भद्रा जी महाराज ने कहा कि इसी बक्सर में श्रीराम ने संतों को कहा था कि आप निर्भय होकर यज्ञ कीजिए। बक्सर की यह यात्रा श्रीराम की विजय स्मृति यात्रा है। 370 हटाया, 35 ए हटाया। हंसते हंसते श्रीराम जन्मभूमि ली। अब ज्ञानव्यापी मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मभूमि लेना है। उन्होंने कहा कि पाक में जो कश्मीर का हिस्सा है वह वापस लेना है। लद्दाख का हिस्सा जो चीन में है, उसे भी वापस लेना होगा। हमारे मित्र नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में यह सब संभव है और पूरा होगा। संतों को अब केवल राष्ट्रीय हित की बात करनी चाहिए, घर वापसी को अभियान बनाना है। हिंदुओं की संख्या घट रही है, यह चिंता का विषय है। उदारता पूर्वक हिंदु धर्म अपनाने के लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि अब याचना नहीं अब रण होगा।