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जन सुराज पार्टी के टिकट पर मटिहानी से भाग्य आजमाना चाहते हैं एडवोकेट कुशेश्वर भगत
BINOD KARN
BEGUSARAI: मटिहानी विधानसभा क्षेत्र से जन सुराज पार्टी के टिकट पर भाग्य आजमाने को लेकर जिले के सदर प्रखंड के धबौली निवासी व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कुशेश्वर भगत इन दिनों जनता से आशीर्वाद मांगने निकल चुके हैं। इस क्रम में उन्होंने मटिहानी विधानसभा से जन सुराज पार्टी की ओर से भावी प्रत्याशी के रूप में होटल सायोनारा के हॉल में रविवार को प्रेस कांफ्रेंस किया। उन्होंने बताया कि पार्टी ने भावी प्रत्याशी के रूप में जनसंपर्क करने की इजाजत दी। पार्टी के सर्वेक्षण में जो सबसे लोकप्रिय माना जाएगा उन्हें सिम्बल मिलेगा। उन्होंने बताया कि वे बीते दो वर्षों से जन सुराज के कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं और पार्टी के प्रणेता प्रशांत किशोर से सीधे संपर्क में हैं।
अधिवक्ता श्री भगत ने कहा कि उनका घर मटिहानी विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। क्षेत्र में व्याप्त बदहाली ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया है। उनका कहना है कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान बाढ़ से कटाव, स्कूलों की जर्जर स्थिति, विस्थापन, जलजमाव जैसी समस्याओं से लोगों को रूबरू होते देखा है। आजादी के इतने वर्ष बाद भी यदि यही बुनियादी समस्याएं बनी रहेगी तो आने वाली पीढ़ी को हम क्या जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार बदल रहा है। हमने देश को ओबीसी प्रधानमंत्री दिया है। गरीब परिवार से आने वाले लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद दिया है। ऐसे में जात-पात-धर्म अब कोई मायने नहीं रखता है। इन्हीं सवालों को लेकर जन सूरज के प्रणेता आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशांत किशोर मानते हैं कि जब तक पूंजी का पलायन नहीं रुकेगा बुद्धि का पलायन रुकना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा ज्ञान भारती स्कूल एवं जीडी कॉलेज से हुआ है। उन्होंने पटना ए एन कॉलेज से स्नातक की डिग्री लेने के बाद दिल्ली की ओर रुख किया और वहां से लॉ की डिग्री हासिल किया। चार वर्षों तक वे पत्रकारिता से भी जुड़े रहे। उन्होंने दावा किया कि विदेश में रह रहे भारतीयों को कानूनी सहायता पहुंचाने का काम किया है। अत्यंत पिछड़ी जाति से आने वाले श्री भगत ने साफ किया कि यह प्रेसवार्ता उनका निजी है। पार्टी का नहीं है। प्रेसवार्ता के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र के जन-जन पहुंचने का प्रयास किया है। वैसे वे हर गांव तक पहुंच कर समर्थन जुटाने के प्रयास में लगे हैं।