बेगूसराय में Let's Inspire Bihar का 'नमस्ते बिहार' जनसंवाद
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बेगूसराय में Let's Inspire Bihar का 'नमस्ते बिहार' जनसंवाद

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संकेतों में विकास वैभव ने बेगूसराय के राजनीतिक पिच पर बैटिंग करने का दिया संदेश


BINOD KARN

BEGUSARAI : Let's Inspire Bihar के बहाने बेगूसराय के राजनीतिक पिच पर "नमस्ते बिहार" जनसंवाद कार्यक्रम का सफल आयोजन G D College मैदान पर संपन्न हुआ। रविवार को आयोजित इस तरह के पहले जनसंवाद में Let's Inspire Bihar से जुड़े राज्य के सभी 38 जिलों के लोग शामिल हुए।
भीड़ को देख आह्लादित IPS विकास वैभव के चेहरे खिल उठे। वैभव ने भीड़ देख बेगूसराय के राजनीतिक पिच पर जमकर बैटिंग की और भीड़ देख खुशी का इजहार किया। जाहिर तौर पर विकास वैभव का जनसंवाद राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना रहा। 




कार्यक्रम की शुरूआत प्रख्यात शंखवादक दरभंगा से पहुंचे पं. विपिन मिश्रा के शंखनाद से हुई तो मंच पर विराजमान द्वारिका से पहुंचे स्वामी संजय जी उपस्थिति भी चर्चा में बनी रही। हालांकि मंच पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी उपस्थिति थे। दूसरी ओर 2047 तक विकसित भारत व बिहार में जातीयता पर प्रहार को लेकर राजनीतिक अर्थ निकाले जाने लगे। जबकि इस मंच को गैर राजनीतिक व गैर धार्मिक करार दिया गया था। लेकिन बेगूसराय में छायावाद का अर्थ निकालने में विलंब नहीं लगता।

PM मोदी का नाम लिए बगैर 2047 में विकसित भारत के संकल्प रहा भाषण का केंद्र बिंदु

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की भूमि व अपने गृह जिले से हूंकार भरते हुए IPS विकास वैभव ने कहा कि भारत को अगर 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना है तो बिहार को भी उसी अनुरुप विकसित होना होगा। लेकिन इसके लिए जातिवाद, सम्प्रदायवाद व लिंगभेद से उपर उठना होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आपका साथ मिला तो निश्चित रूप से बिहार बदलेगा। उन्होंने कहा कि जातियां तो वर्षों पूर्व से चली आ रही है लेकिन तब जातिवाद नहीं थी। अपने पूर्वजों का इतिहास देखेंगे तो अखंड भारत के समय यहां विदेशों से भी लोग पढ़ने आते थे। विक्रमशिला व नालंदा विश्वविद्यालय इसके गवाह हैं। लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि बिहार के छात्र राजस्थान के कोटा पढ़ने जाते हैं। प्राचीन बिहार को समझ कर ही हम बिहार को बदल सकते हैं। हमें अपने सामर्थ्य को याद करने की जरूरत है।



उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में 9 करोड़ युवाओं को रोजगार/ नौकरी चाहिए। युवा वर्ग को सरकारी नौकरी चाहिए। सरकार के पास उतनी नौकरियां नहीं है। सरकारी नौकरी पाकर भी अगर भ्रष्टाचार में लिप्त हो गया तो इससे बिहार बदलेगा क्या ? बिहार के युवाओं को अपनी सोच बदलनी होगी। उद्यमिता, उद्योग व व्यापार को अपनाना होगा। तभी बेरोजगारी दूर होगी और विकसित बिहार का सपना साकार होगा।
श्री वैभव ने कहा कि पुरातन काल में भी बिहार में महिला शिक्षित थी, इस क्रम में उन्होंने मंडन मिश्र की पत्नी गार्गी के नाम का उल्लेख किया। उन्होंने कि Let's Inspire Bihar के तहत गार्गी विद्यालय व चिकित्सा शिविर का अभियान चल रहा है। इसके अलावा 40 बच्चों को निशुल्क कोचिंग पटना में कराईं जा रही है। मेधावी छात्र - छात्राओं‌ को हरसंभव सहयोग का प्रयास जारी है। अंत में उन्होंने शिक्षा, समता और उद्यमिता को लेकर आम लोगों को प्रेरित करने का संकल्प दिलाया।


अध्यक्षता G D College के प्राचार्य अवधेश सिंह ने की जबकि मंच संचालन प्रभाकर कुमार राय व पल्लवी विश्वास ने किया। वहीं मंचासीन अतिथियों में फिल्म लेखक-निर्देशक संजीव झा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल्स एन्ड चिल्ड्रेन्स वेल्फेयर एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद, मुख्य समन्वयक, Let's Inspire Bihar बिहार राहुल कुमार सिंह, आरकेड बिजनेस कॉलेज के निदेशक आशीष आदर्श, रूबन हास्पिटल, पटना के निदेशक डॉ सत्यजीत, प्रो. कमलेश, गणेश दत्त महाविद्यालय, डाॅ रजनीश वर्मा, सिवान, लव कुमार सिंह, समाजसेवी, औरंगाबाद, डाॅ ए के राय, अध्यक्ष, IMA, बेगूसराय, अमित सिंह, प्रमुख उद्यमी, मृणाल भारद्वाज, सह समन्वयक, Let's Inspire Bihar, बेगूसराय अध्याय, प्रमोद प्रेमी यादव, भोजपुरी गायक, डाॅ प्रीति बाला, मुख्य समन्वयक, गार्गी अध्याय, Let's Inspire Bihar, नम्रता कुमारी, मुख्य समन्वयक, कला एवं संस्कृति अध्याय, ओ पी सिंह, मुख्य समन्वयक, उद्यमिता अध्याय, विंग कमांडर यू के त्रिपाठी
छात्र नेता ब्रजेश कुमार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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