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पटना। Sushil Modi राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) के नवनियुक्त शिक्षकों को अपना संघ या मंच बनाने से रोकने की कार्रवाई कर नीतीश कुमार राज्य में आपातकाल-जैसी स्थिति बना रहे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि आज बीपीएससी के शिक्षक अभ्यर्थियों और नवनियुक्त शिक्षकों के लोकतंत्रिक अधिकार कुचले जा रहे हैं, कल अन्य कर्मचारियों पर यही सख्ती होगी और फिर विपक्ष की आवाज दबाई जाएगी।
'सरकार को यह संदेश वापस लेना चाहिए'
उन्होंने कहा कि बीपीएससी नवनियुक्त शिक्षक संघ गठित करने के आरोप में मधुबनी की शिक्षिका बबीता चौरसिया की नियुक्ति आनन-फानन में रद्द करना अतिपिछड़ा समाज का अपमान है। सरकार को यह आदेश वापस लेना चाहिए।
'इनके निशाने पर हैं युवा शिक्षक'
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार ने यूट्यूबर पत्रकार मनीष कश्यप को फर्जी मामले में गिरफ्तार कर पहले ही अपना तानाशाही चेहरा दिखा दिया था। मीडिया पर सरकार विरोधी सामग्री न छापने का दबाव बढ़ता जा रहा और अब इनके निशाने पर हैं युवा शिक्षक।
उन्होंने चुनौती दी है कि शिक्षक अभ्यर्थियों के नाम-फोटो सार्वजनिक करने वाली सरकार में यदि हिम्मत है, तो वह जमुई में दारोगा की हत्या के आरोपितों के नाम भी फोटो के साथ सार्वजनिक करे।
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